श्राद्ध पक्ष में पितरों को खूब पसंद इमरती और मालपुए, हर रोज हलवाईयों को मिल रहे आर्डर, अलग से कारीबर बिठाए गए, जानें कीमत

आगरा। मेवा और चॉकलेट लड्डू, काजू कतली, बादाम मिल्क और रसमलाई के इस दौर में युवा पीढ़ी के सामने अगर आप इमरती या मालपुए का नाम भी लेंगे तो वे नाक—मुंह सिकोड़ लेंगे। मगर पुराने लोगों को यह खासे पसंद हैं। इधर श्राद्ध पक्ष में पितरों को ये खूब पसंद आ रही हैं। शहर के छोटे—बड़े मिष्ठान केंद्रों पर प्रतिदिन आर्डर आ रहे हैं। वहीं आगरा में तमाम जगह ऐसी भी हैं जहां यह इमरती और मालपुए लगाने के लिए प्रतिष्ठान के बाहर अलग से हलवाई ​बिठाए गए हैं।

Sep 24, 2024 - 13:40
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श्राद्ध पक्ष में पितरों को खूब पसंद इमरती और मालपुए, हर रोज हलवाईयों को मिल रहे आर्डर, अलग से कारीबर बिठाए गए, जानें कीमत
आगरा में एमजी रोड के यह दो चित्र, ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए शहर में कुछ प्रतिष्ठानों के बाहर इस तरह के बैनर—होर्डिंग भी लगाए गए हैं।

श्राद्ध पक्ष के 15 दिन पितरों को प्रसन्न करने वाले होते हैं। पितरों को प्रसन्न करने के लिए यजमानों की ओर से मनपसंद भोजन और पकवान का भोग लगाया जाता है। इन दिनों श्राद्ध पक्ष में हलवाइयों को तरह-तरह के व्यंजन तैयार करने के ऑर्डर मिल रहे हैं। इनमें मालपुए और इमरती पितरों की डिमांड ज्यादा है। यही कारण है कि आगरा में इन दिनों हर रोज हलवाइयों को मालपुए और इमरती तैयार करने का ऑर्डर मिल रहा है। 

हालांकि यह अलग बात है कि आम तौर पर तमाम बड़े प्रतिष्ठानों पर भी अब इमरती और मालपुए मुश्किल से ही मिलते हैं। श्राद्ध पक्ष में कमलानगर के एक प्रतिष्ठित मिष्ठान केंद्र, बेलनगंज के एक सुप्रसिद्ध हलवाई, जीवनी मंडी चौराहे के नजदीक एक प्रतिष्ठित मिष्ठान केंद्र के साथ ही शहर के कई छोटे—बड़े मिष्ठान केंद्र इन दिनों मालपुए बना रहे हैं। इनमें से कुछेक पर यह हमेशा भी मिलते हैं। मगर हर जगह नहींं। इसी तरह कमलानगर, खंदारी, दयालबाग, शाहगंज, सदर, संजय प्लेस समेत कई जगह नामी मिष्ठान विक्रेता इन दिनों इमरती बड़े पैमाने पर तैयार करा रहे हैं। कई जगह तो प्रतिष्ठान के बाहर अलग कढ़ाही लगाई गई हैं। कारीगर यहां सुबह से ही इमरती बनाना शुरू कर देते हैं। एमजी रोड स्थित कई नामी मिष्ठान केंद्रों पर भी इमरती और मालपुए तैयार हो रहे हैं और खरीददारों की लाइन लग रही है। 

एक प्रतिष्ठित मिष्ठान केंद्र के स्टाफ ने बताया कि मालपुए तैयार करना घरों में मुश्किल होता है, लेकिन लोग हलवाइयों को ऑर्डर देकर मालपुए तैयार करा रहे हैं। जब से श्राद्ध पक्ष शुरू हुए हैं, तभी से बाजार में हर दिन हलवाइयों को ऑर्डर मिल रहे हैं। श्राद्ध पक्ष के अलावा मालपुए का ऑर्डर कभी कभार ही मिल पाता है। मालपुए की ज्यादा डिमांड होने का कारण है कि यह आसानी से तैयार हो जाते हैं। इन दिनों अधिकांश प्रतिष्ठानों पर इमरती 520 से 580 रूपये किलो तक जबकि मालपुए 500 रूपये किलो तक में उपलब्ध हैं। 

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SP_Singh AURGURU Editor