अपना पदक अपनी मां के चरणों में समर्पित करें दहेज न लें न दें- राज्यपाल
डा. भीमराव अंबेडकर विवि के दीक्षांत समारोह में पधारी प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन ने समारोह में उपस्थित छात्र छात्राओं को दहेज न लेने तथा न देने के लिए प्रेरित किया। मां का महत्व सर्वोपरि बताते हुए राज्यपाल ने पदक पाने वाले विद्यार्थियों से अपना पदक अपनी मां के चरणों में समर्पित करने को कहा।
आगरा। डा. भीमराव अंबेडकर विवि के दीक्षांत समारोह में आज कुलाधिपति आनंदी बेन ने वहां उपस्थित छात्र-छात्राओं को दहेज न लेने व दहेज न देने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि दहेज एक सामाजिक बुराई है। इसे आप लोग यदि ठान लें तो दूर कर सकते हैं। इसे दूर करने के लिए आपलोग आगे आएं। आप लोग निश्चित कर लें कि अपने मां-बाप को भी दहेज न लेने अथवा देने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने कहा कि आप देश का भविष्य हैं। आप लोग ही भविष्य का भारत हैं। जो मेडल आप लोगों को मिले हैं उन्हें घर जाकर मां के चरणों में समर्पित करें। जीवन भर मां की सेवा करें। इससे बेहतर और कोई सेवा नहीं है।
कुलाधिपति ने विवि के शिक्षकों और कुलपति को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने नैक की तैयारियों का जायजा लिया है। विवि के कई संस्थानों का भ्रमण भी किया है। जो भी कमियां हैं उन्हें कल शाम तक दूर कर लें। किसी भी हालत में विवि को डबल प्लस का ग्रेड हासिल करना है।
कुलाधिपति ने कहा कि उन्होंने आंगनबाड़ी में सुधार करने का प्रयास किया है। आगरा व फीरोजाबाद के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को किट दी है। विद्यार्थियों के लिए ड्रेस के अलावा कापी किताब की व्यवस्था भी की है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने विवि माडल स्कूल के प्राइमरी के बच्चों को भी दीक्षांत समारोह में बुलाया है। ताकि यह बच्चे जब आप लोगों को उपाधि, पदक आदि लेते देखेंगे तो वे भी भविष्य में ऐसा पदक पाने के लिए प्रेरित होंगे। कुलाधिपति ने मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई भी दी।
इससे पूर्व कुलपति आशू रानी ने कुलाधिपति के समक्ष विवि के कार्यो व प्रगति का ब्योरा प्रस्तुत किया। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि योगेंद्र उपाध्याय ने कुलाधिपति का स्वागत किया तथा विद्यार्थियों से कहा कि उनके हाथों में ही देश का भविष्य है।
वे प्रगति करेंगे तो देश प्रगति करेगा। देश सेवा का भाव हमेशा मन में रखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नैक की ईसी के चेयरमेन प्रो. अनिल सहश्रबुद्धे ने विद्यार्थियों को कुलाधिपति के बताए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया साथ ही बताया कि स्टार्ट अप के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। युवा चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं। स्टार्ट अप के माध्यम से देश भी आगे बढ़ेगा साथ ही वे भी प्रगति करेंगे।
60212 छात्रों को उपाधियां, 117 पदक तथा 50 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई ।
सबसे ज्यादा सात स्वर्ण और एक रजत पदक एसएन मेडिकल कालेज 2019 बैच की एमबीबीएस छात्रा अपर्णा चौरसिया को प्रदान किए गए।
पदक के मामले में छात्राएं छात्रों से आगे रहीं। 99 पदक छात्राओं तथा 18 पदक छात्रों को प्रदान किए गए। केआर कालेज की प्राची को पांच पदक, सेंट जोंस कालेज के दीपक चौधरी को चार पदक, समाज विज्ञान संस्थान की प्रतीक्षा पचौरी को चार पदक, महात्मा गांधी बालिका पीजी कालेज की ज्योत्सना को तीन पदक, केडी मेडीकल कालेज की लवांशी गौतम को तीन पदक, सूरजमुखी महाविद्यालय की ज्योत्सना को तीन पदक प्रदान किए गए।
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