मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवार्ड

नई दिल्ली। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड इस साल मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इसकी ऑफिशियल अनाउंसमेंट की। आठ अक्टूबर को 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में मिथुन को यह सम्मान दिया जाएगा।

Sep 30, 2024 - 13:54
 0  75
मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवार्ड

मिथुन ने अपना फिल्मी करियर 1976 में मृगया से शुरू किया था। पहली ही फिल्म में उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीता। 1982 में आई डिस्को डांसर से उन्हें पहचान मिली। अश्विनी वैष्णव ने एक्स लिखा कि  मिथुन दा की उल्लेखनीय सिनेमैटिक जर्नी कई जेनरेशन्स को इंस्पायर करती है। ये अनाउंस करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि दादा साहेब फाल्के सिलेक्शन जूरी ने इस साल लेजेंड्री एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को उनके भारतीय सिनेमा को दिए आइकॉनिक योगदान के लिए ये अवॉर्ड देने का फैसला किया है।

 

भारत के प्रधानमंत्री ने मिथुन का को दादा साहेब फाल्के मिलने पर बधाई देते हुए लिखा है कि खुशी है कि मिथुन चक्रवर्ती को इंडियन सिनेमा में दिए गए अद्वितीय योगदान के लिए दादा साहेब अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है।

सम्मान हासिल करने पर मिथुन दा ने कहा है कि सच कहूं तो  मेरे पास कोई भाषा ही नहीं है। कोई शब्द नहीं है। न मैं हंस सकता हूं, न मैं खुशी से रो सकता हूं। इतनी बड़ी चीज है। जहां से मैं आया हूं, उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान मिला है, मैं सोच भी नहीं सकता। मैं ये अपने परिवार और दुनियाभर के फैंस को डेडिकेट करता हूं।

 

गौरांग से बने मिथुन चक्रवर्ती, पहले थे कट्टर नक्सली

 

16 जून 1950 को मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। मिथुन ने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया था। ग्रेजुएशन के बाद मिथुन नक्सल आंदोलन में शामिल होकर कट्टर नक्सल बन गए और घर से दूर हो गए। दुर्भाग्य से मिथुन के इकलौते भाई का एक हादसे में निधन हो गया। घर की मुश्किल परिस्थितियां देखते हुए उन्होंने नक्सली आंदोलन छोड़कर घर की तरफ रुख कर लिया। नक्सलवाद से नाता तोड़ने पर मिथुन की जान को भी खतरा था, लेकिन इसके बावजूद वो नहीं डरे। आंदोलन में शामिल रहते हुए उनकी दोस्ती कुख्यात नक्सल रवि रंजन से गहरी थी।

 

कई रातें भूखे पेट गुजारी थीं मिथुन दा ने

मिथुन ने घर वापसी तो की लेकिन अब उनका झुकाव हिंदी सिनेमा की ओर हुआ। उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी और फिर काम की तलाश में वो मुंबई आ पहुंचे। कई दिन उन्होंने भूखे पेट रातें गुजारीं। कई महीनों की कड़ी मेहनत और इंतजार के बाद इन्हें हेलन का असिस्टेंट बनने का मौका मिला। हेलन के असिस्टेंट बनकर पीछे घूमने वाले मिथुन को देखकर कुछ फिल्ममेकर्स ने उन्हें छोटे-मोटे फिलर के रोल दिए। मिथुन को अमिताभ बच्चन की फिल्म दो अनजाने में छोटा सा रोल मिला। इस दौरान मिथुन को बॉडी डबल बनाकर भी फिल्मों में लिया गया।

एक दिन कॉलेज में मशहूर फिल्ममेकर मृणाल सेन की नजर मिथुन पर पड़ी। उस दिन मिथुन कॉलेज की कुछ लड़कियों से बेफिक्री से फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का अंदाज देखकर मृणाल इतने इंप्रेस हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म मृगया ऑफर कर दी। इस तरह मिथुन ने 1976 की आर्ट फिल्म मृगया से बतौर हीरो करियर की शुरुआत की। फिल्म के लिए मिथुन दा को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। मिथुन इकलौते एक्टर हैं, जिन्हें पहली ही फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला है। इसके अलावा उन्हें 1993 की फिल्म तहादेर कथा और 1996 की स्वामी विवेकानंद के लिए भी नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है।

 

मिथुन के फिल्मी करियर में एक सुनहरा समय तब आया जब उन्हें 1982 की फिल्म डिस्को डांसर मिली। ये हिंदी सिनेमा की 100 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म थी। हालांकि इसका कलेक्शन भारत से ज्यादा सोवियत यूनियन से हुआ था। मिथुन एक नॉन डांसर थे, लेकिन जब इन्होंने फिल्म की जरुरत के मुताबिक डांस किया तो उनके स्टेप देशभर में फेमस हो गए।

करीब 4 दशकों के एक्टिंग करियर में मिथुन बांग्ला, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़,ओडिया और भोजपुरी जैसी कई भाषाओं की 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं।

जनवरी 2024 में मिथुन चक्रवर्ती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। मिथुन को भारतीय सिनेमा के इतिहास के बड़े एक्टर्स में गिना जाता है। मिथुन इकलौते एक्टर हैं, जिन्हें अपनी पहली ही फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

80-90 के दशक के बीच मिथुन भारत के हाईएस्ट पेड एक्टर्स में से एक रहे हैं। मिथुन चक्रवर्ती की आखिरी रिलीज हुई हिंदी फिल्म साल 2022 की द कश्मीर फाइल्स थी। इसके अलावा वे बंगाली फिल्म प्रजापति और काबुलीवाला में भी नजर आए।

मिथुन चक्रवर्ती की साल 1989 में 19 फिल्में रिलीज हुई थीं, जिनमें वो बतौर लीड एक्टर नजर आए थे। उनका ये रिकॉर्ड नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इस बात को तकरीबन 35 साल हो गए हैं, लेकिन आज तक कोई भी एक्टर इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है। 1982 की फिल्म डिस्को डांसर हिंदी सिनेमा की 100 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म है।

साल 2023 में वेटरन एक्ट्रेस वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वे ये अवॉर्ड हासिल करने वालीं 8वीं महिला हैं। उनसे पहले ये अवॉर्ड देविका रानी, रूबी मेयर्स, कानन देवी, दुर्गा खोटे, लता मंगेशकर, आशा भोसले और आशा पारेख को मिल चुका है।

16 जून 1950 को कोलकाता में जन्मे मिथुन दा बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़,ओडिया और भोजपुरी जैसी विभिन्न भाषाओं में 350 से अधिक फिल्में कर चुके हैं। तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने वाले मिथुन को हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow