कोर्ट की तल्ख टिप्पणीः अवैध मतांतरण न रोका न तो गंभीर परिणाम होंगे
बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने लव जिहाद के मामले में एक अभियुक्त को सजा सुनाते हुए अवैध धर्मांतरण पर तल्ख टिप्पणी की है। न्यायाधीश ने कहा है कि अवैध मतांतरण न रोका गया तो इसके परिणाम देश के लिए गंभीर होंगे।
बरेली। एक स्थानीय अदालत ने लव जिहाद के एक आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ ही अवैध मतांतरण को लेकर बेहद तल्ख टिप्पणी की है।
अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) रवि कुमार दिवाकर ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की कि लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य एक धर्म विशेष के कुछ अराजक तत्वों द्वारा हिंदुस्तान के खिलाफ जनसंख्यायिकी युद्ध एवं अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत वर्चस्व स्थापित करने के प्रयास हैं। इसके तहत हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके अवैध तरीके से मतांतरण का अपराध किया जा रहा है ताकि भारतवर्ष में भी पाकिस्तान एवं बांग्लादेश जैसे हालात पैदा किया जा सकें।
न्यायाधीश ने कहा कि अवैध मतांतरण देश की एकता और अखंडता और संप्रभुता के लिए बड़ा खतरा है। मुस्लिम पुरुष शादी के माध्यम से इस्लाम में धर्मांतरण के लिए हिंदू महिलाओं को निशाना बनाते हैं। मनोवैज्ञानिक दबाव, लालच, शादी, नौकरी आदि प्रलोभन देकर भी धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसमें विदेशी फंडिंग की भी आशंका है। समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
अपर सत्र न्यायाधीश ने थाना देवरनिया के जादौंपुर निवासी मोहम्मद आलिम को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए यह टिप्पणी की। आलिम ने आनंद बनकर एक हिन्दू छात्रा के साथ कुकृत्य किया था। कोर्ट ने आदेश की प्रति मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजने का निर्देश भी दिया है।
कोर्ट ने कहा कि लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए ही प्रदेश सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 पारित किया है। संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने, उसका प्रचार-प्रसार करने का मौलिक अधिकार देता है। धर्म के व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकार को लव जिहाद माध्यम से अवैध धर्मांतरण रूप में नहीं बदला जा सकता।
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