'मैं मन से जुड़ा रहूंगा पर जनकपुरी आने में सहज नहीं...', प्रभु राम के काज में पहली अर्जी पद त्याग की
प्रभु राम की लीला से पहले जनकपुरी में महाभारत शुरू हो गई है। जनकपुरी महोत्सव इस बार शाहगंज में होने जा रहा है। इसके लिए जनकपुरी आयोजन समिति गठित की गई है। समिति के गठन को अभी 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि एक नया विवाद पैदा हो गया है। मंत्री बनाए गए रवि नारंग ने गंभीर आरोप लगाते हुए पद त्यागी पेशकश की है।
अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र में मंत्री बनाए गए रवि नारंग ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि इस वर्ष उन्हें भगवान राम के स्वागत का सौभाग्य मिला और माता जानकी के परिवार का सदस्य बनने का भी। आयोजन की रूपरेखा में मैं आरंभ से ही साथ हूं लेकिन जब भी कार्यालय आया हूं भेदभाव हुआ। कुछ मुख्य पदाधिकारियों का मेरे प्रति व्यवहार भी अलग नजर आया जैसे सोफे पर बैठने न देना, किसी से परिचय कराते वक्त खड़े होने को कहना आदि। ऐसा एक बार नही बल्कि कई बार हुआ। मानो आंखों से धमकाया जा रहा हो और सामाजिक नहीं किसी व्यक्ति विशेष के कार्यक्रम में आए हों। समिति में सहयोगी नहीं इशारों पर काम करने वाले चाहिए और मैं ऐसा नहीं कर सकता। खुशी का माहौल होना चाहिए लेकिन भय का माहौल है।
पत्र में उन्होंने मन से जुड़े रहने किन्तु कार्यालय व जनकपुरी आने में असहजता दिखाई है। साथ ही अपने त्याग पत्र को स्वीकार करते हुए किसी अन्य व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त करने का आग्रह किया है।
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