खराब वाशिंग मशीन की कीमत पाने को उपभोक्ता को 19 साल लड़नी पड़ी लड़ाई  

आगरा। शहर में सुल्तानगंज स्थित सीता फर्नीचर एंड एलेक्ट्रॊनिक्स से खरीदी गई एक वाशिंग मशीन खराब निकली। शोरूम स्वामी ने वायदा करने के बाद भी नई मशीन नहीं दी। अपना हक हासिल करने के लिए उपभोक्ता को 19 साल तक उपभोक्ता आयोग में लड़ाई लड़नी पड़ी। अब आकर उपभोक्ता को उसकी मशीन की कीमत मिल सकी है।

Feb 5, 2025 - 22:30
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खराब वाशिंग मशीन की कीमत पाने को उपभोक्ता को 19 साल लड़नी पड़ी लड़ाई   
उपभोक्ता को वाशिंग मशीन की कीमत का चेक प्रदान करते जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार।

विपिन सिंह ने 19 अक्टूबर 2006 को सीता फर्नीचर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, सुल्तानगंज, आगरा से एक आईएफबी कंपनी की वाशिंग मशीन 14,200 रुपये में खरीदी थी। खरीदने के बाद से ही मशीन ने काम नहीं किया। विपिन सिंह ने विक्रेता से शिकायत की। विक्रेता ने मैकेनिक भेजकर ठीक कराने का प्रयास किया, लेकिन मशीन ठीक नहीं हुई। इसके बाद विपिन सिंह ने दूसरी मशीन बदलकर देने का अनुरोध किया, लेकिन मशीन बदलकर नहीं दी गई।

इसके बाद विपिन सिंह ने 9 फरवरी 2008 को जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग प्रथम में मामला दर्ज कराया। आयोग ने 12 अप्रैल 2010 को विपिन सिंह के पक्ष में निर्णय देते हुए विक्रेता सीता फर्नीचर्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स को नई मशीन बदलकर देने का आदेश दिया। साथ ही आदेश का पालन न करने पर मशीन की कीमत और वाद व्यय के रूप में 15,000 रुपये अदा करने के भी आदेश दिए गए। मशीन विक्रेता ने आदेश का पालन नहीं किया और राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की, लेकिन वहां से भी मशीन विक्रेता की अपील खारिज कर दी गई।

 आज जिला उपभोक्ता प्रत्यूष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य राजीव सिंह ने विपिन सिंह को 15,700 रुपये का एक चेक प्रदान किया। चेक मिलने पर विपिन सिंह ने कहा कि उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन कानून ने उनका साथ दिया और आज वह खुश हैं कि उनके साथ जो धोखा किया गया था, इसका उन्हें न्याय मिला है।

SP_Singh AURGURU Editor