शैलजा के रूठने से कांग्रेस को पसीने छूटने लगे थे
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद तथा कांग्रेस की बड़ी दलित नेता शैलजा कुमारी के फिर से कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगी। उनकी नाराजगी दूर होने के बाद कांग्रेस की जान में जान लौटी है।
चंडीगढ़। कई दिन की नाराजगी के बाद हरियाणा की बड़ी कांग्रेस नेता शैलजा कुमारी कल से फिर कांग्रेस के लिए वोट मांगती दिखेंगी। शैलजा कुमारी दलित नेता हैं। भरे चुनाव में उनके नाराज होकर खुद को चुनाव प्रचार से अलग करने की वजह से कांग्रेस के अंतःपुर में घबराहट का माहौल था। माना जा रहा है कि राहुल गांधी से बातचीत के बाद शैलजा फिर से चुनाव प्रचार में जुटने को तैयार हुई हैं।
शैलजा कुमारी हरियाणा की बड़ी दलित नेता हैं। केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। इस समय सांसद हैं। उनका पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से 36 का आंकड़ा है। दोनों ही नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। प्रत्याशियों के चयन में हुड्डा गुट की ज्यादा चली। बताते हैं कि हुड्डा लगभग 70 सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं। शैलजा समर्थकों को महज 13 सीटों पर टिकटें मिल सकी हैं। इन दोनों नेताओं के बीच शुरू से ही अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की होड़ थी।
शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा इसलिए ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते थे ताकि चुनाव बाद जब सरकार बनने का मौका आए तो मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर सकें। इस होड़ में शैलजा कुमारी को मात मिली तो उनका मन खिन्न हो गया। इसमें भी उस समय आग में घी पड़ गया जब हुड्डा के एक समर्थक ने शैलजा कुमारी के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। शैलजा कैंप ने माना कि ये सब हुड्डा के इशारे पर हुआ है। इसका एक वीडियो भी वायरल हो गया।
भाजपा, बहुजन समाज पार्टी और इनेलो समेत दूसरे दलों ने शैलजा कुमारी के अपमान को मुद्दा बना लिया। तीन दिन पहले तो यहां तक चर्चा होने लगीं कि शैलजा कुमारी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकती हैं। शैलजा के अपमान का मुद्दा कांग्रेस के गले की फांस बनता जा रहा था। शैलजा उस समय और नाराज हो गईं जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करते समय उन्हें नहीं बुलाया। इसके बाद शैलजा ने खुद को चुनाव प्रचार से अलग कर लिया।
सूत्रों की मानें तो चुनाव में नुकसान होते देख राहुल गांधी की शैलजा से बात हुई। बताते हैं कि शैलजा ने अपनी पीड़ा राहुल गांधी के समक्ष व्यक्त की। राहुल गांधी द्वारा यह भरोसा दिए जाने पर कि चुनाव बाद उनके समर्थकों को पूरी तरह समायोजित किया जाएगा, शैलजा की नाराजगी दूर हो गई। शैलजा ने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर विराम लगाते हुए फिर से चुनाव प्रचार में जुटने की बात भी कह दी है।
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