कांग्रेस को डर है, 'आप' हरियाणा में भी दूसरे राज्यों जैसी चोट न मार दे
हरियाणा में चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ ही आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौते की बातें होने लगी हैं। कांग्रेस नेतृत्व इस बात से डरा हुआ है कि आप अलग से चुनाव लड़ी तो उसे दूसरे राज्यों जैसा नुकसान पहुंचा सकती है।
-एसपी सिंह-
चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस अपने बूते सरकार बनाने के मिशन पर आगे बढ़ रही थी, लेकिन चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चुनावी तालमेल की बातें होने लगी हैं। इसकी पहल आम आदमी पार्टी की ओर से ही हुई हैं। धड़ों में बंटे हरियाणा कांग्रेस के नेता इस बात पर एकमत हैं कि आम आदमी पार्टी से समझौता न किया जाए, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि कांग्रेस अपने बूते पर भारी बहुमत के साथ सरकार बना लेगी। प्रांतीय नेताओं के न चाहने के बावजूद दिल्ली के स्तर से आम आदमी पार्टी से चुनावी समझौते की बातें चल रही हैं।
हरियाणा के कांग्रेसी नहीं चाहते समझौता
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनकी गैर मौजूदगी में आम आदमी पार्टी की ओर से राज्य सभा सदस्य राघव चड्ढा और संजय सिंह द्वारा कांग्रेस से हरियाणा में चुनावी तालमेल की वार्ता की जा रही है। इसकी भनक लगने पर हरियाणा के सभी बड़े कांग्रेस नेता स्पष्ट कह चुके हैं कि आप के साथ समझौते की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस अपने बूते सरकार बना लेगी। इसके बावजूद कांग्रेस और आप के बीच वार्ता जारी है। आप की ओर से हरियाणा में विधान सभा की दस सीटें मांगी जा रही हैं, लेकिन कांग्रेस पांच सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। दरअसल कांग्रेस नेतृत्व नहीं चाहता कि हरियाणा में भाजपा विरोधी मतों में किसी प्रकार का विभाजन हो। इसका लाभ भाजपा उठा सकती है।
कांग्रेस को अल्टीमेटम दे चुकी है आप
सूत्र बताते हैं कि आम आदमी पार्टी दस से कम सीटों पर लड़ने के लिए भी तैयार है, लेकिन उसकी शर्त है कि उसे वे सीटें दी जाएं जहां वह मजबूत है। उधर हरियाणा कांग्रेस के नेता आप को मनमर्जी वाली सीटें देने को तैयार नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि इन सीटों पर पिछले चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर कांग्रेस का दावा बनता है। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि बात बनती न देख राघव चड्ढा की ओर से कांग्रेस नेतृत्व से यह भी कह दिया गया कि आम आदमी पार्टी को हल्के में न लें। आप को सम्मानजनक सीटें न मिलीं तो राज्य की सभी 90 सीटों पर आप अपने उम्मीदवार उतारेगी। आप का यह अल्टीमेटम सच भी साबित हो सकता है क्योंकि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल लगातार हरियाणा का दौरा कर रही हैं। बीते कल उन्होंने रोहतक में चुनावी सभा भी की थी।
भाजपा भी यही चाहती है कि आम आदमी पार्टी सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के चुनाव इस बात के उदाहरण हैं कि आप ने अब तक कांग्रेस का ही नुकसान किया है। कांग्रेस नेतृत्व भी शायद इस बात को जानता है, इसलिए आप से गठबंधन की बात खत्म नहीं की गई है। सूत्र यह भी संभावना जता रहे हैं कि कुछ कांग्रेस और कुछ आप झुकेगी, दोनों दलों के बीच छह-सात सीटों पर बात बन सकती है।
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