कार्तिक पूर्णिमा पर बटेश्वर में दिखेगा आस्था का संगम, संतों के अखाड़े लगेंगे
पिनाहट। उत्तर भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थल बटेश्वरनाथ में कार्तिक पूर्णिमा से पहले ही शुरू हो चीजे पशु लोक मिला भी ऐतिहासिक है। 400 साल पहले तत्कालीन भदावर राज परिवार द्वारा शुरू किए गए इस मेले का आयोजन अब जिला पंचायत करती है। प्राचीन समय से ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन यमुना में स्नान कर बटेश्वरनाथ के पूजन और दर्शन के साथ दान करने की परम्परा है।
बटेश्वर के लोक मेले में विभिन्न राज्यों के संत, महात्मा और तपस्वी यमुना में स्नान और ब्रह्मलाल के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के लोक मेले के लिए संतों और महात्माओं का यहां पहुंचना शुरू हो चुका है। ये सभी यहां अपना अखाड़ा भी लगाएंगे।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी तीर्थ धाम बटेश्वर में श्री मौनी बाबा पडुआपुरा आश्रम द्वारा श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री हरि शरण महाराज के सानिध्य में पांच मुखेश्वर शिव मंदिर के पास अन्न क्षेत्र अखाड़े का आयोजन किया जा रहा है, जो विगत बुधवार से शुरू हो चुका है और आगामी 20 नवंबर तक चालू रहेगा। इसमें भारी संख्या में संत महात्मा और श्रद्धालु पहुंचेंगे। मौनी बाबा अन्न क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु और भक्तजनों के पहुंचने की अपील भी की गई है।
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