कृत्रिम बुद्धिमता पर प्रिल्यूड में प्रतियोगिता, बाल वक्ताओं ने रखे विचार  

आगरा। प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल परिसर में विभव अभिव्यक्ति के अंतर्गत आयोजित वक्तृत्व की शक्ति प्रतियोगिता में आगरा और फिरोजाबाद जिले के 38 विद्यालयों के छात्रों ने कृत्रिम बुद्धिमता पर अपने विचार रखे।

Dec 16, 2024 - 17:13
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कृत्रिम बुद्धिमता पर प्रिल्यूड में प्रतियोगिता, बाल वक्ताओं ने रखे विचार   
प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में सोमवार को आयोजित प्रतियोगिता के मौके पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के साथ विद्यालय निदेशक सुशील गुप्ता और निर्णायक मंडल के सदस्य।  

विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता अपने पिताजी स्व. सतीश चंद्र गुप्ता 'विभव' की स्मृति में यह आयोजन किया। उनकी प्रथम पुण्यतिथि 26 दिसंबर को है। उन्हें हिंदी से असीम स्नेह था। उनके हिंदी भाषा के प्रति अनुराग को ध्यान में रखते हुए ही 'विभव' परिवार ने उनकी स्मृति में प्रतिवर्ष वक्तृत्व की शक्ति प्रतियोगिता के आयोजन का निर्णय लिया है। इस मौके पर ये पंक्तियां भी प्रस्तुत की गईं-

 

विभव अभिव्यक्ति एक ताकत है,

जो सोच को आकार देती है।

यह सतीश जी की एक प्रेरणा है,

जो हिंदी को आगे बढ़ाती है।

 

इस अवसर पर डॉ. आरएस तिवारी 'शिखरेश', डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. श्रुति सिन्हा, डॉ. ममता शर्मा, डॉ. गुंजन  एवं कुमार ललित (निर्णायक मंडल), विद्यालय के निदेशक एवं प्रतियोगिता के आयोजक डॉ. सुशील गुप्ता, प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव उपस्थित थे।

 

सभी बाल वक्ताओं ने निर्धारित विषय - क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाज के लिए उचित है? पर अपने विचार अभिव्यक्त किए। अपने वक्तव्यों के द्वारा उन्होंने एआई. अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अर्थ, उससे संबंधित मिथक और उससे जुड़े सकारात्मक पक्षों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।

 

प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहे-

प्रथम स्थान - जसनूर सिंह (प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल), द्वितीय स्थान - सिमरन शर्मा (सेंट एंड्रयूज पब्लिक स्कूल, यूनिट- 4), तृतीय स्थान - यश्वी उपाध्याय (गायत्री पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम)।

इन्हें सांत्वना पुरस्कार दिए गए- (प्रथम) - डौली छापरिया (सेंट एंड्रयूज पब्लिक स्कूल, यूनिट -2), (द्वितीय) - श्रेया चाहर (एस.जी.पब्लिक स्कूल)।

 

समस्त विजेताओं को 26 दिसंबर, 2024 को आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रथम पुरस्कार - रुपए 31000, द्वितीय -  रुपए 21000, तृतीय - रुपए 11000  रुपए 5100 के दो सांत्वना पुरस्कार व प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएँगे।

 

इस अवसर पर डॉ. सुशील गुप्ता ने प्रतियोगिता का उद्देश्य बताते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता अब प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाएगी जिससे हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में वृद्धि हो। कार्यक्रम का संचालन अर्सला नदीम एवं शिवानी सिंह ने किया।

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SP_Singh AURGURU Editor