सीएम योगी ने 3.67 लाख बेटियों का कन्यादान कर निभाया पिता का फर्ज
लखनऊ। कहते हैं कि एक माता-पिता के लिए उनकी बेटी की शादी सबसे बड़ा यज्ञ और पुण्य का काम होता है। लेकिन बहुत से ऐसे परिवार हैं जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाते। ऐसे लोगों की बेटियों को अपनी बेटी मानकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका कन्यादान कर पिता का फर्ज निभाने की जिम्मेदारी उठाई है। इसी क्रम में प्रदेश में गरीबों, वंचितों और पिछड़ों के सामाजिक उत्थान को लेकर अनेक प्रयास कर रही योगी सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से वंचित पृष्ठभूमि की बेटियों की शादी का प्रबंध कर रही है। पिछले सात वर्षों में, इस योजना के माध्यम से योगी सरकार ने 3.67 लाख से अधिक बेटियों के हाथ पीले करने में सफलता प्राप्त की है। यह सफलता योगी सरकार की वंचित समुदायों की आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह से सहायता करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
वंचित वर्ग की बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी उठाते हुए योगी सरकार ने 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद इस मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक लाभार्थियों की संख्या में प्रत्येक वर्ष निरंतर वृद्धि हो रही है। 2018-19 में जहां योगी सरकार ने योजना के माध्यम से 42,317 जोड़ों का विवाह सकुशल संपन्न कराने में सफलता प्राप्त की तो 2019-20 में 47,097 बेटियों का विवाह संपन्न कराया गया। इसी तरह, कोविड-19 महामारी के दौरान 2020-21 में भी योगी सरकार ने 22,780 बेटियों का विवाह सकुशल संपन्न कराया, जो कि एक चुनौतीपूर्ण समय था। इसके बाद 2021-22 में 49,644, 2022-23 में 1,00,874 और 2023-24 में 1,04,940 बेटियों का विवाह कराया गया। इस तरह, अब तक, कुल मिलाकर 3.67 लाख जोड़ों का विवाह इस योजना के अंतर्गत हो चुका है।
योगी सरकार ने पिछले सात वर्षों में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए कुल 1,840 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की है। इसके तहत, प्रत्येक लाभार्थी जोड़े को 51,000 रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें से 35,000 रुपए सीधे बेटियों के खाते में जमा किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, 10,000 रुपए का शादी से संबंधित जरूरी सामान प्रदान किया जाता है। वहीं विवाह समारोह के लिए 6,000 रुपए आवंटित किए जाते हैं। इस पैकेज में कपड़े, बर्तन, चांदी की पायल, प्रेशर कुकर और अन्य आवश्यक घरेलू सामान शामिल है। मुख्यमंत्री सामूहिक योजना का उद्देश्य शादियों में अनावश्यक खर्च और अपव्यय को रोकना भी है। यह पहल बाल विवाह को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और माता-पिता को अपनी बेटियों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" मिशन को मजबूती मिलती है।
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