बच्चे फास्ट फूड से रहें दूर- आईएमए 

आईएमए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चला रही जागरूकता कार्यक्रम। डॉ. अरुण जैन ने छात्र-छात्राओं को दी 50 फीसदी सलाद खाने की सलाह। डॉ. मीता कुलश्रेष्ठ ने प्लास्टिक के बताएं दुष्परिणाम।

Jan 28, 2025 - 19:54
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बच्चे फास्ट फूड से रहें दूर- आईएमए 

आगरा। आईएमए आगरा ब्रांच द्वारा जिले के स्कूलों में स्वास्थ्य जागरूक कार्यक्रमों का आयोजन स्कूलों में किया जा रहा है, जिसमें चिकित्सा स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित जानकारी छात्र-छात्राओं के साथ स्कूलों के संचालक और अध्यापकों को दे रहे हैं।

आईएमए आगरा के अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित, सचिव डॉ. रजनीश मिश्रा, कोषाध्यक्ष डॉ मुकेश भारद्वाज द्वारा चलाए गए इस अभियान के अंतर्गत मंगलवार को साकेत कॉलोनी स्थित होली लाइट पब्लिक स्कूल में एक जागरूक कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण जैन, सर्जन डॉक्टर मीता कुलश्रेष्ठ और फिजिशियन डॉक्टर गौरव गंगवार द्वारा छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी जागरूक किया गया। 

कार्यक्रम में आगरा आईएपी ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण जैन का कहना है कि 50 प्रतिशत सब्जी सलाद होना चाहिए। 25 प्रतिशत में प्रोटीन यानी की दालें और 25 प्रतिशत में रोटी, चावल होना चाहिए। हमारी थाली पांच रंग की होनी चाहिये। बच्चों को जंक फूड जैसी कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम , चॉकलेट और फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही बच्चों को शारीरिक व्यायाम के महत्व को समझाया। 

उन्होंने कहा कि बच्चों को रोज एक घंटा व्यायाम करना चाहिए। बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल 1 या दो घंटे से ज्यादा नहीं करना चाहिए। सोते समय मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा समय परिवार, दोस्तों और अच्छी किताबें पढ़ने में बिताना चाहिए। नींद के महत्व को समझाया गया। बच्चों को 10 घंटे सोना चाहिए। सोने से 2 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। सोते समय अभिभावकों को बच्चों को अच्छी कहानियां सुनानी चाहिए।

सर्जन डॉ. मीता कुलश्रेष्ठ ने छात्रों को प्लास्टिक से स्वास्थ्य व पर्यावरण पर हो रहे दुष्प्रभाव के बारे में बताया। साथ ही इससे बचने के उपाय भी बताए। आज ये चिंता का विषय है कि हमारे शहरों में प्लास्टिक वेस्ट की मात्रा बढ़ती जा रही है, जो कई सौ वर्षों तक नष्ट नही होता। यह न केवल हवा में जहर घोलता है, बल्कि मिट्टी व पानी में मिलकर वापस हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाता है। जिससे कई घातक बीमारियां जैसे डायबिटीज , कैंसर, मोटापा, प्रजनन शक्ति कम होना आदि हैं। इकोब्रिक या प्लास्टिक गुल्लक एक बहुत ही सस्ता व सरल तरीका है जिसमे वेस्ट प्लास्टिक रैपर, पॉलीथिन , थर्माकोल आदि को एक खाली प्लास्टिक की बोतल में भरकर कई उपयोगी वस्तुएं बनाई जा सकती हैं।

आईएमए आगरा ब्रांच के जॉइंट सेक्रेटरी डॉक्टर गौरव गंगवार का कहना है कि बच्चों को शारीरिक व्यायाम बहुत ही जरूरी है, जिससे उनका मानसिक विकास तो होगा ही साथ ही उनके शरीर का भी विकास तेजी से होगा।