राहुल गांधी के नेतृत्व को इंडिया ब्लॊक के अंदर से ही चुनौती
नई दिल्ली। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार क्या हुई, कांग्रेस नेता राहुल गांधी चौतरफा मुसीबतों में घिरे नजर आ रहे हैं। भाजपा द्वारा राहुल गांधी पर अमेरिकी उद्योगपति जॊर्ज सोरोस के साथ कनेक्शन के आरोप को लेकर तो समझा जा सकता है कि यह विरोधी पक्ष के आरोप हैं, लेकिन अब तो इंडिया ब्लॊक के अंदर से ही राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर एक प्रकार से बगावत जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता को लेकर जांच पहले से ही चल रही है। इंडिया ब्लॊक की पांच प्रमुख पार्टियों ने गठबंधन की कमान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपने का समर्थन कर कांग्रेस खासकर, राहुल गांधी के लिए ऐसी मुसीबत खड़ी कर दी है, जिससे पार पाना उनके लिए मुश्किल होगा।
-हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की बुरी हार के बाद पांच प्रमुख दल उठा चुके हैं राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
टीएमसी के सांसद कीर्ती आजाद ने पिछले सप्ताह ही यह बयान दिया था कि अब इंडिया ब्लॊक की कमान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंप दी जानी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस भाजपा को नहीं रोक पा रही। अपने सांसद के इस बयान पर पहली प्रतिक्रिया ममता बनर्जी ने ही दी। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि सभी दल राजी हों तो वे ‘इंडिया’ की कमान संभालने को तैयार हैं। इसके बाद तो ममता बनर्जी को समर्थन की झड़ी सी लग गई। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, शिवसेना (उद्धव) ने भी मांग कर दी कि इंडिया ब्लॊक की कमान ममता बनर्जी को सौंप दी जानी चाहिए।
इंडिया ब्लॊक के प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। बीते कल राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी ममता बनर्जी को इंडिया का नेतृत्व सौंपने की मांग कर एक प्रकार से कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है।
हालांकि कांग्रेस की ओर से इंडिया ब्लॊक की कमान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे संभाल रहे हैं, लेकिन सहयोगी दल मानते हैं कि इंडिया की कमान अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी के हाथों में ही है। कांग्रेस की ओर से मुख्य चेहरा राहुल गांधी ही हैं। ऐसे में सहयोगी दलों का निशाना सीधे सीधे राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर ही है। सहयोगी दलों ने एक प्रकार से राहुल गांधी के प्रति बगावत कर उनके प्रति अविश्वास व्यक्त कर दिया है।
इंडिया गठबंधन में चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस की ओर से चुप्पी साध ली गई है। कांग्रेस संसद के सत्र में गौतम अडानी का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही है। इस मुद्दे पर टीएमसी और समाजवादी पार्टी का उसे समर्थन न मिलने से समझा जा सकता है कि इंडिया के कई प्रमुख घटक दल राहुल गांधी को अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं।
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