मालगोदाम के पेड़ों के मसले पर कल आगरा आ रही सीईसी की टीम
आगरा। गधापाड़ा स्थित रेलवे मालगोदाम के परिसर से 23 हरे पेड़ काटे जाने के मामले में सीईसी (सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी) की दो सदस्यीय टीम सोमवार को आगरा पहुंच रही है। यह टीम मालगोदाम का तो मुआयना करेगी ही, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक प्रोजेक्ट के बारे में संबंधित रोड पर कटने वाले पेड़ों की भी जानकारी लेगी।
-हरे पेड़ों को काटे जाने के मामले में साइट विजिट करने के बाद रेलवे और राज्य के अधिकारियों संग बैठक भी
सीईसी के दोनों सदस्य रेलवे मालगोदाम का विजिट करने के बाद राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों, रेल लैंड डेवलपमेंट अथॊरिटी के अधिकारियों, डीआरएम आगरा, आरपीएफ कमांडेंट और शिकायतकर्ता डॊ. शरद गुप्ता के साथ बैठक भी करेंगे।
तीन बैठकें कर चुकी सीईसी
सीईसी इस मामले को लेकर अब तीन बैठकें कर चुकी है, जिनमें डॊ. शरद गुप्ता का पक्ष सुना गया। रेलवे, रेल लैंड डेवलपमेंट अथॊरिटी, वन विभाग के अलावा मालगोदाम की जमीन लीज पर लेने वाले गणपति बिल्डर्स से जवाब तलब किया जा चुका है।
पिछली बैठक में गणपति बिल्डर्स की ओर से साफ-साफ कहा गया था कि ये पेड़ उन्होंने नहीं कटवाए हैं। उन्होंने आशंका जताई थी कि संभव है कि लोकल लोगों द्वारा पेड़ काट लिए गए हों। इस पर सीईसी ने संकेत दिया था कि वह मालगोदाम का निरीक्षण करने आ सकते हैं।
इसी माह सुप्रीम कोर्ट में है सुनवाई
इसी महीने में इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है और सीईसी को सुनवाई से पहले अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करनी है। अपनी रिपोर्ट दाखिल करने से पहले सीईसी की टीम खुद ही मौका मुआयना कर सच्चाई जान लेना चाहती है।
सीईसी सदस्यों की दूसरी मीटिंग भी
सीईसी के दोनों सदस्य रेलवे मालगोदाम का निरीक्षण और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रस्तावित प्रोजेक्ट का जायजा लेंगे। बताया गया है कि यह प्रोजेक्ट आगरा-जलेसर रोड को फोर लेन किए जाने से जुड़ा है। इस मार्ग पर बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने हैं। पहले यह संख्या 3500 थी, जो बाद में घटकर 1500 हुई और बाद में यह संख्या 900 पेड़ों पर आ चुकी है। इस बैठक में यूपी सरकार के संबंधित अधिकारी भी बुलाए गए हैं।
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