पुलिस के सीनियर अफसरों के आश्वासन पर मेरठ में बंधक दारोगा को ग्रामीणों ने किया मुक्त

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ के थाना परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गोविंदपुरी में गांव वालों ने दो दारोगा को बंधक बना लिया। गांव वालों का आरोप है कि दोनों दारोगा पटाखों की बिक्री के नाम पर अवैध वसूली की मांग के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। सूचना मिलने पर सीओ सदर देहात तीन थानों की पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे और तीन घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों को समझाकर दोनों को बंधनमुक्त कराया। वहीं, दोनों दारोगा मेडिकल कराने से पहले थाने से फरार हो गए।

Nov 3, 2024 - 13:13
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पुलिस के सीनियर अफसरों के आश्वासन पर मेरठ में बंधक दारोगा को ग्रामीणों ने किया मुक्त


थाना परीक्षितगढ़ में तैनात दारोगा सतेंद्र और प्रशिक्षु शिवम कल देर शाम  गोविंदपुरी गांव में पिंटू के घर में घुसकर पटाखे बेचने के नाम पर रकम की मांग की। वसूली का विरोध करने पर एक दारोगा ने बुजुर्ग महिला को थप्पड़ जड़ दिया। इसका गांव के ही हरेंद्र ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट कर दी। शोर-शराबा सुनकर ग्रामीण मकान के बाहर एकत्र हो गए और विरोध करने लगे। आरोप है कि इस पर नशे में धुत दारोगा ने ग्रामीणों के साथ अभद्रता और गाली-गलौज करते हुए उन पर पिस्टल तानते हुए जेल भेजने की धमकी दे डाली। इससे ग्रामीण उग्र हो गए और दोनों दारोगा को बंधक बना लिया। दोनों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की।

परीक्षितगढ़, किठौर, मवाना, भावनपुर आदि थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दारोगा सतेंद्र कई दिनों से दुकानदारों को परेशान कर रहा था। आए दिन किसी न किसी को डरा-धमकाकर वह अवैध वसूली करता था। विरोध करने पर जेल भेजने की धमकी देता था। ग्रामीणों ने दोनों दारोगा को निलंबित किए जाने और रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। सीओ ने ग्रामीणों को किसी तरह शांत कराया। सीओ ने दोनों आरोपी दारोगा के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। रात्रि में करीब तीन घंटे बाद ग्रामीणों ने दोनों दारोगा को छोड़ा। वहीं, मेडिकल करवाने से पहले ही आरोपी दोनों दारोगा थाने से फरार हो गए।

दारोगा सतेंद्र पर किठौर थाने में तैनाती के दौरान अवैध वसूली के साथ कई अन्य आरोप भी लगे थे। राधना गांव में भारी संख्या में अवैध हथियार बनाकर बेचने की शिकायत पर एनआईए की टीम कई बार दबिश देने आती थी। दारोगा सतेंद्र को इसकी पहले ही खबर होती थी। आरोप है कि वह अवैध हथियार का कारोबार करने वाले लोगों को सूचना देता था। जिसके चलते वह पहले ही फरार हो जाते थे। एनआईए टीम को छापामार कार्रवाई के दौरान कुछ नहीं मिलता था।