दीपावली से पहले शहर को आवारा पशुओं से मुक्त कराने को 21 से अभियान
आगरा। शहर के पशुपालक अपने पशुओं को बाड़े में ही रखें तो बेहतर होगा क्योंकि नगर निगम आगामी 21 अक्टूबर से शहर को पशुओं से मुक्त कराने के लिए व्यापक अभियान चलाने जा रहा है। आवारा पशुओं के साथ ही उन पालतू पशुओं की भी धरपकड़ होगी, जिनके मालिक उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने दीपावली से पूर्व आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाये जाने के निर्देश पशु कल्याण अधिकारी को दिये हैं। 21 अक्तूबर से चलाये जाने वाले इस अभियान के लिए व्यापक तैयारियां कर ली गई हैं।
नगर आयुक्त ने बताया कि दीपोत्सव को लेकर बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। ऐसे में कभी भी कोई आवारा जानवर लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है। इसी के मद्देनजर यह अभियान शुरू किया जा रहा है।
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय सिंह ने बताया कि शहर के चारों जोन में चलाये जाने वाले इस अभियान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आधा दर्जन कैटल कैचर पूरे नगर में चौबीस घंटे तीन शिफटों में अभियान चला आवारा गौवंश और अन्य पशुओं को पकड़कर गोशाला पहुंचाएंगी। आधा दर्जन कैटल कैचर पर लगभग सौ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
शासन के निर्देश पर भी चला था अभियान
शासन के निर्देश पर आठ से दस अक्तूबर तक चले अभियान के दौरान नगर में 193 गोवंश को पकड़ा गया था। इनमें से सोलह को उनके स्वामियों ने जुर्माना देकर छुड़वाया था। पशु कल्याण अधिकारी के अनुसार इस साल अब तक नौ सौ दस गो वंशों को पकड़ा जा चुका है।
चारा खिलाने का अलग से देना होगा खर्चा
शहर में पकड़े जाने वाले निराश्रित आवारा जानवरों को सरकारी गौशालाओं में रखने पर पशुपालकों से उनकी खुराक का पैसा भी वसूल किया जाएगा। पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि इन जानवरों को छोड़े जाने पर दो हजार की जुर्माना राशि गाय पर जबकि आठ हजार रुपये भैंस के लिए प्रतिदिन देनी होगी।
नगर आयुक्त ने पशु पालकों से अपील की है कि वे अपने जानवरों को बाड़ों में रखें। सार्वजनिक स्थलों पर जानवरों को खुला छोड़ने पर नगर निगम उन्हें पकड़कर गोशालाओं में भिजवा देगा।
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