ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का मनाया सौवां प्राकट्योत्सव
ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अनुयाइयों ने शुक्रवार को उनका सौवां प्राकटयोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया। इस मौके पर पौधे भी रोपे गए।
आगरा। 'ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज प्रकृति प्रेमी थे। उन्हें औषधीय वनस्पतियों तथा फलदार वृक्षों से विशेष लगाव था, इसलिए आज उनके प्राकट्योत्सव के शताब्दी पूर्ति समारोह के अवसर पर हम सब यहां फलदार एवं औषधीय वनस्पतियों का रोपण कर रहे हैं, जिससे यह वृक्ष ठीक उसी प्रकार मानव के लिए उपकारी हों जैसे ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी के वचन तथा आशीर्वाद।'
उक्त उद्गार विख्यात कथा वाचक डॉ दीपिका उपाध्याय ने कहे। अवसर था ब्रह्मलीन शंकराचार्य के सौवें प्राकट्योत्सव का। गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन द्वारा इस उपलक्ष्य में वृहद पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस अवसर पर नगर वन भूमि, बाईंपुर रेंज,आगरा में फाउंडेशन के सदस्यों ने वन्य भूमि को स्वच्छ कर सौ फलदार पौधे लगाने का संकल्प भी लिया।
फाउंडेशन के निदेशक रवि शर्मा ने बताया कि फाउंडेशन का उद्देश्य प्रकृति संरक्षण तथा जैविक संतुलन बनाने में सहयोग करना है। आजकल वन्य जीवों के मानव आबादी के बीच पहुंचने की घटनाएं आम हो गई हैं। यदि वन में उनके योग्य भोजन, आवास आदि मिल जाए तो वे मानव आबादी के बीच नहीं आएंगे।
इस अवसर पर वीर किशोर गुप्ता, विनीता गौतम, पवित्रा, गुंजन, रेखा, नीलम, निष्ठा आदि ने भी पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। फाउंडेशन की निदेशक वारिजा चतुर्वेदी ने वन विभाग के संत कुमार, नवीन माहेश्वरी, कृपाशंकर, सत्येंद्र सिंह आदि का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
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