कुंदरकी में भारी पड़ा भाजपा का राजपूत दांव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है और अब मतगणना 23 नवंबर को होगी। उससे पहले जारी हुए एग्जिट पोल का रिजल्ट बीजेपी की अधिकतर सीटों पर जीत दिखा रहा है। इसी बीच यूपी की एक सीट की चर्चा अधिक हो रही है, उस विधानसभा सीट का नाम है कुंदरकी।

Nov 21, 2024 - 13:18
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कुंदरकी में भारी पड़ा भाजपा का राजपूत दांव

दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी उपचुनाव की 9 सीटों में 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद और 2 सीटों पर सपा लीड करती दिख रही है। इस एग्जिट पोल में कुंदरकी सीट पर बीजेपी जीतती हुई दिख रही है, मतलब साफ है कि बीजेपी का मुसलमानों की सीट पर राजपूत दांव हिट होता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि इस सीट की असली तस्वीर रिजल्ट आने के बाद ही साफ होगी।

पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद जिले की कुंदरकी सीट का गणित सबसे अलग है, इस सीट पर मुस्लिम आबादी अधिक है और इसी वजह से इस सीट पर अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक हैं। तुर्क मुसलमानों के वर्चस्व वाली इस सीट पर बीजेपी ने मुस्लिम राजपूतों को साधने का बड़ा दांव खेला और इस सीट से रामवीर सिंह ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा। बीजेपी प्रत्याशी चुनावी मैदान में जालीदार टोपी और अरबी रुमाल पहनकर वोट मांगते भी दिखे जिसकी काफी चर्चा रही। हैरानी वाली बात है कि इस सीट पर 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जिसमें से सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी ही हिंदू बाकी सभी प्रत्याशी मुसलमान थे।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर करीब 62 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं, अगर इनकी संख्या देखी जाए तो करीब डेढ़ लाख के है। इसमें सबसे अधिक तुर्क मुसलमान हैं और बाकी अन्य मुस्लिम जातियां है। वहीं मुस्लिम राजपूत वोटर कुंदरकी में 45 हजार के आसपास हैं। कुंदरकी में या तो मुस्लिम उम्मीदवार विधायक बने हैं या फिर सहसपुर बिलारी राजघराने से विधायक बने हैं।  

कुंदरकी सीट के उपचुनाव में सपा ने पूर्व विधायक हाजी रिजवान को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बसपा से रफतउल्ला उर्फ छिद्दा, ओवैसी की एआईएमआईएम से मोहम्मद वारिस, चंद्रशेखर आजाद रावण की पार्टी आजाद समाज पार्टी ने हाजी चांद बाबू को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं बीजेपी ने इस सीट पर रामवीर सिंह ठाकुर को अपना प्रत्याशी घोषित करके अलग दांव चला है।

 
सपा के कद्दावर नेता शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क ने संभल से लोकसभा सांसद का चुनाव लड़ा और कुंदरकी की अपनी सीट खाली की थी। इस सीट पर साल 2022 में जियाउर्रहमान बर्क ने चुनाव जीता था, तब उन्होंने बीजेपी के कमल कुमार को हराया था।

 

 

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