भाजपा की लंच पॊलिटक्सः क्या हुआ ऐसा जो इतनी चर्चा हो रही है?
पार्टी संगठन के चुनाव के दौर से गुजर रही भारतीय जनता पार्टी में चुनाव और संगठन के प्रभारियों के दो दिन पूर्व हुए एक दौरे की चर्चा जोरों पर है। पार्टी के अंतःपुर में चर्चा उस लंच पालिटिक्स की हो रही है जो एक पूर्व विधायक के आवास पर हुई। यहां एकांत में दोनों प्रभारियों की जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की मुलाकात हुई। अब इस मुलाकात पर जिलाध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार सवाल उठा रहे हैं।
आगरा। भाजपा में संगठन के चुनाव की प्रक्रिया के बीच दो दिन पहले हुई लंच पॊलिटिक्स पार्टी के अंतःपुर में चर्चा का विषय बन गई है। एक पूर्व विधायक ने अपने आवास पर जिले के चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश श्रीवास्तव और संगठन के जिला प्रभारी अमित वाल्मीकि को लंच पर बुलाकर जो कुछ कराया, वह जिलाध्यक्ष पद के तमाम दावेदारों को नागवार गुजरा है।
कदाचित दोनों प्रभारी भी लंच पालिटिक्स से अनभिज्ञ रहे हों, लेकिन जो कुछ हुआ है, उससे सवाल तो इन दोनों पर भी उठने स्वाभाविक हैं।
भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव की गतिविधियां चल रही हैं। फिलहाल बूथ स्तरीय अध्य़क्षों के चुनाव की कवायद चल रही है। दो दिन पहले आगरा जिला के चुनाव प्रभारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव और जिला प्रभारी अमित वाल्मीकि इसी सिलसिले में आगरा आए हुए थे। इन दोनों प्रभारियों ने भाजपा के बृज क्षेत्र कार्यालय पर जिले के नेताओं के साथ बैठक कर बूथ अध्यक्षों के चुनाव पर चर्चा की थी।
बैठक के बाद चुनाव और संगठन के प्रभारियों ने वहां मौजूद पार्टीजनों से कहा कि वे अब पूर्व विधायक महेश गोयल के यहां भोजन पर जा रहे हैं। वहां मौजूद जिलाध्यक्ष गिरिराज सिंह कुशवाहा से दोनों प्रभारियों ने औपचारिकतावश पूछा कि क्या आप भी साथ चलेंगे। इस पर जिलाध्यक्ष ने हामी भरी और वे भी दोनों प्रभारियों के साथ पूर्व विधायक महेश गोयल के ईदगाह कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंच गए।
यहां का नजारा देखकर जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह का माथा ठनका। दरअसल महेश गोयल के आवास पर दोनों प्रभारियों को एक अलग कमरे में बैठाया गया और फिर इसके बाद उन्हें जिले के कुछ ऐसे नेताओं से मिलवाया गया जो इस बार जिलाध्यक्ष बनने की ख्वाहिश रखते हैं। इन सभी से दोनों प्रभारियों को बायोडाटा भी दिलवाया गया।
जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह को इस मुलाकात कक्ष से दूर बैठाया गया था। जिलाध्यक्ष इस सबको देखकर हैरान थे कि इस समय जबकि बूथ अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया चल रही है, तब चुनाव और संगठन प्रभारी से जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की मुलाकात कराने का क्या मतलब है।
जानकारों की मानें तो यहां पर श्याम सुंदर पाराशर, ऋषि उपाध्याय, सत्यदेव दुबे और पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक राणा की चुनाव और संगठन प्रभारी से एकांत में वार्ता हुई।
दरअसल आगरा के सभी बड़े भाजपा नेता इन दिनों इस कवायद में लगे हुए हैं कि जिलाध्यक्ष उनकी पसंद का बने। सांसद से लेकर विधायक तक इस कसरत में शामिल हैं।
महेश गोयल के यहां हुई लंच पालिटिक्स को इसी कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। आगरा जिले के दो प्रबल प्रतिद्वंद्वी भाजपा नेताओं में से एक की पसंद का जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए यह लंच पालिटिक्स हुई।
इस बारे में पूछे जाने पर हालांकि जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया, लेकिन जानकार सूत्रों की मानें तो जिलाध्यक्ष की ओर से यह तक कह दिया गया कि उन्हें प्रभारियों से अलग बैठाकर जिस तरह कुछ लोगों की उनसे मुलाकात कराई गई है, वह उचित नहीं है और यह सब कुछ एक साजिश के तहत हो रहा है।
सूत्रों की मानें तो जिलाध्यक्ष ने यहां तक कह दिया कि अगर जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों से ही मिलाना था तो सभी को बुलाया जाना चाहिए था। यहां तो जिले के महामंत्री तक नहीं बुलाए गए हैं। चंद लोगों को इस तरह गुपचुप मिलाने में साजिश नजर आती है।
इस गुपचुप मुलाकात की खबर पार्टी के दूसरे दावेदार नेताओं को भी मिल गई थी। इनमें से कुछ वहां पहुंचे भी, लेकिन दोनों प्रभारी तीन-चार नेताओं के अलावा और किसी से नहीं मिले और महेश गोयल के आवास से निकलकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो गए।
अब यह लंच पालिटिक्स भाजपा के अंतःपुर में चर्चा का विषय बन गई है। भाजपा के उन सभी नेताओं को इस गुपचुप मुलाकात पर आपत्ति है जो खुद भी जिलाध्यक्ष बनना चाहते हैं। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि इस बारे में प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी बताया जा रहा है।
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