कंगना रनौत हाजिर हों! एक्ट्रेस को कोर्ट का नोटिस रिसीव, 28 को होनी है सुनवाई
आगरा। राष्ट्रद्रोह एवं किसानों के अपमान के मामले में स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए अनुज कुमार सिंह द्वारा फिल्म अभिनेत्री एवं हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रनौत को भेजा गया नोटिस 19 नवंबर 2024 को प्राप्त हो चुका है। कोर्ट ने 28 अक्तूबर को कंगना रनौत को पेश होने के आदेश दिए हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमा शंकर शर्मा एडवोकेट ने कहा कि कंगना रनौत के द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए काले कानूनो के विरोध में धरना देने वाले लाखों किसानों के प्रति अभद्र टिप्पणी की थी कि वहां पर हत्याये हो रहीं थीं, बलात्कार हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते।
इसके अलावा कंगना रनौत ने 17 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध एक टिप्पणी की थी जिसमें कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी मिली है वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी।
कंगना रनौत ने यह भी कहा था कि असली आजादी तो सन 2014 में तब मिली जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपने बाद पत्र में कहा है कि इस तरह से कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों को हत्यारा बलात्कारी और उग्रवादी बताकर अपमान किया है तथा कंगना ने 1947 में मिली आजादी को भीख में मिली बताकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ-साथ देश के लाखों देशभक्त शहीदों भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां जैसे तमाम देश भक्त जो देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए तथा महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं सही उन सब का अपमान किया है।
13 नवंबर 2024 को कोर्ट में बहस सुनने के बाद कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया था कि परिवादी रमाशंकर शर्मा एडवोकेट द्वारा उपरोक्त परिवाद प्रस्तुत किया गया है। उक्त परिवार में संज्ञान से पूर्व आपको सुना जाना है। अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि आपको उक्त परिवाद के संदर्भ में अपना पक्ष रखना है या सुनवाई करानी है तो आप दिनांक 28 नवंबर 2024 को प्रातः 10:00 बजे न्यायालय में या तो व्यक्तिगत रूप से अथवा अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें अथवा सुनवाई कराना सुनिश्चित करें। कोर्ट ने अपने नोटिस में यह भी कहा कि यदि आप निश्चित समय और निश्चित तिथि को न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होती हैं या अपना पक्ष नहीं रखती हैं तो उपरोक्त वाद में की कार्रवाई नियमानुसार अग्रसारित कर दी जाएगी। 28 नवंबर को अगर हाजिर नहीं होतीं है तो मामले में कोर्ट में आगे सुनवाई हो जाएगी।
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