भाजपा ने नामांकन के साथ ही भरवा लिए नाम वापसी के फार्म
आगरा। महानगर भाजपा के 22 मंडलों के अध्यक्षों के चुनाव के लिए आज दूसरे दिन भी नामांकन स्वीकार किए गए। हालांकि केवल दो मंडलों में ही केवल पांच नए नामांकन दाखिल हुए। अब यहां से तीन नामों का पैनल तैयार होगा, जिसमें से कोई एक नाम क्षेत्रीय कमेटी लखनऊ में तय करेगी। सबसे रोचक बात यह है कि पार्टी ने मंडल अध्यक्ष का नामांकन करने वालों से नामांकन वापसी का फार्म भी साथ के साथ भरवा लिया है।
-महानगर के 22 मंडलों में से केवल दो में दूसरे दिन भरे गए पांच नामांकन, तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करेंगे चुनाव अधिकारी
आज दूसरे दिन महानगर के 20 मंडलों में एक भी नया नामांकन नहीं आया। जो भी भाजपाजन मंडल अध्यक्ष पद के दावेदार हैं, उन सभी के नामांकन कल ही दाखिल हो चुके थे। अब हर मंडल से आए नामांकनों में से ही तीन-तीन नामों का पैनल जिला चुनाव अधिकारी, दोनों सह जिला चुनाव अधिकारी और मंडलों के चुनाव अधिकारी बनाएंगे। तीन नामों के पैनल में से कोई एक नाम 19 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली क्षेत्रीय बैठक में तय किया जाएगा। प्रदेश के स्तर से उसी को मंडल अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा।
अर्जुन नगर में चार व शिवाजी नगर में एक नामांकन
आज दूसरे दिन भी चली नामांकन प्रक्रिया में अर्जुन नगर मंडल में चार नामांकन दाखिल हुए। यहां बीते कल नामांकन के दौरान विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। एक नामांकन शिवाजी नगर मंडल में भरा गया। वैसे सभी 22 मंडलों में निर्धारित समय सुबह 10 से एक बजे तक मंडलों के चुनाव अधिकारी बैठे, लेकिन 20 मंडलों में कोई भी नया नामांकन नहीं आया।
ये तय करेंगे तीन-तीन नामों का पैनल
महानगर भाजपा के सभी 22 मंडलों में अध्यक्ष पद के लिए दाखिल किए गए नामांकनों की छंटनी और हर मंडल से तीन-तीन नामों का पैनल बनाने का काम जिला चुनाव अधिकारी मोहित बेनीवाल, सह चुनाव अधिकारी नीरज गुप्ता और महेश शर्मा करेंगे। ये तीनो छंटनी और पैनल बनाते समय संबंधित मंडल के चुनाव अधिकारी को भी साथ बैठाएंगे।
जिला चुनाव अधिकारी और उनके दोनों सहायकों को नामांकनों की छंटनी और तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया अगले दो दिन के भीतर ही पूरी करनी होगी क्योंकि 19 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली बृज क्षेत्र की बैठक में जिले से पहुंचने वाले तीन-तीन नामों के पैनल पर विचार के बाद किसी एक के नाम पर अंतिम निर्णय लिया जाना है।
19 को लखनऊ में बृज क्षेत्र कमेटी तय करेगी एक नाम
19 दिसंबरर को लखनऊ में होने वाली क्षेत्रीय बैठक में क्षेत्रीय अध्यक्ष, क्षेत्रीय प्रभारी, संबंधित जिले के पर्यवेक्षक, जिला चुनाव अधिकारी, सह जिला चुनाव अधिकारी बैठेंगे। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष का नाम तय करने से पहले संबंधित मंडल के सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष, उस क्षेत्र में रहने वाले प्रांतीय पदाधिकारी की भी राय ली जा सकती है।
प्रदेश कमेटी घोषित करेगी मंडल अध्यक्ष
लखनऊ में 19 दिसंबर को होने वाली क्षेत्रीय बैठक में तीन नामों के पैनल में से जो एक नाम मंडल अध्यक्ष के लिए चुना जाएगा, वह क्षेत्रीय कमेटी द्वारा प्रदेश कमेटी को भेज दिया जाएगा। प्रदेश कमेटी में प्रदेश के चुनाव अधिकारी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन आदि क्षेत्रीय कमेटी द्वारा तय किए गए नामों पर विचार कर मंडल अध्यक्षों की घोषणा करेंगे।
ये योग्यताएं होनी चाहिए मंडल अध्य़क्ष के लिए
मंडल अध्यक्ष पद के लिए भाजपा नेतृत्व ने इस बार कुछ योग्यताएं भी तय की हैं। मंडल अध्यक्ष वही कार्यकर्ता बन पाएगा जिसकी उम्र 35 45 वर्ष के बीच होगी। इस पद के लिए यह भी जरूरी है कि दावेदार दो बार मंडल अध्यक्ष पद पर न रहा हो। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि दावेदार ने इससे पहले संगठन का कोई दायित्व संभाला है या नहीं।
नामांकन के साथ नाम वापसी भी
भाजपा में कहने को तो संगठन के चुनाव हो रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता भर है। मंडल अध्यक्ष पद के दावेदारों के नामांकन जरूर स्वीकार किए गए हैं, लेकिन होना एक प्रकार से मनोनयन ही है क्योंकि इस चुनाव प्रक्रिया में मतदान जैसा कुछ नहीं होने जा रहा। कोई दावेदार नामांकन वापसी से इंकार कर चुनाव की नौबत न पैदा कर दे, इसीलिए नामांकन के साथ ही सभी दावेदारों से नामांकन वापसी के फार्म भी भरवा लिए गए हैं। जितने भी नामांकन हुए हैं, उनकी नामांकन वापसी फार्म भी मंडल चुनाव अधिकारियों के पास मौजूद हैं।
कोर कमेटी की बैठक का कोई मतलब नहीं था
आगरा में निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही मंडल अध्यक्षों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। कल ही अचानक आगरा पहुंचे जिले के चुनाव पर्यवेक्षक और प्रदेश सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस पर हैरानी जताई थी। उन्हीं के दखल के बाद आज दूसरे दिन भी नामांकन लेना तय हुआ। सूर्य प्रताप शाही के समक्ष कल यह भी बात आई थी कि मंडलों के नामांकनों पर 15 दिसंबर को होने वाली जिले की कोर कमेटी की बैठक में चर्चा होगी। इस जानकारी पर भी शाही ने हैरानी जताते हुए कहा था कि चुनाव प्रक्रिया में कोर कमेटी की भूमिका जैसी तो कोई बात ही नहीं है। उन्हीं के आदेश पर आज होने वाली कोर कमेटी की बैठक निरस्त करनी पड़ी थी।
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