भाजपा जिलाध्यक्ष पदः ये क्वालिफिकेशन हों, तभी आगे बढ़ें
भाजपा में जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष पद के चुनाव का कार्यक्रम घोषित होते ही हलचलें बढ़ गई हैं। पद के दावेदारों की भागदौड़ तेज हो चुकी है। पार्टी के एक फैसले से बहुत से दावेदार तो रेस से स्वतः ही बाहर हो गए हैं। दरअसल पार्टी ने जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष पदों के लिए आयु सीमा तय कर दी है।
-60 साल से कम आयु वालों को ही मिलेगा ये पद, मंडल अध्यक्ष पद की आयु सीमा 35 से 45 वर्ष तय
-पार्टी के संगठनात्मक चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही जिलाध्यक्ष के दावेदारों की हलचलें भी बढ़ीं
-दावेदारों से कहा गया है कि सिफारिशें न कराएं, कोशिश यही कि पदों के लिए चुनाव की नौबत ही न आए
आलोक कुलश्रेष्ठ
आगरा। बुधवार को लखनऊ में हुई बैठक में संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम घोषित होते ही मंडल से लेकर ज़िलाध्यक्ष के दावेदारों की धड़कनें बढ़ गईं हैं। भले ही भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन ने दावेदारों को सिफारिश न कराने की खुली हिदायत दे दी है, फिर भी बड़े नेता अपने- अपने चहेतों के लिए लामबंदी में लगे हुए हैं। कारण है जिलाध्यक्ष का चुनाव न होकर नेतृत्व द्वारा नियुक्ति होना। चुनाव केवल मंडल अध्यक्ष का ही होगा।
लखनऊ में हुई बैठक में प्रदेश के चुनाव अधिकारी महेंद्रनाथ पांडेय ने प्चुनावी कार्यक्रम घोषित किया। प्रदेश के 1819 मंडलों में एक दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच चुनाव होगा। ज़िलाध्यक्षों की नियुक्ति 15 से 31 दिसंबर के बीच होगी। चुनाव अधिकारी पांडेय ने ज़िला चुनाव प्रभारियों के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी भी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कई ज़िला चुनाव प्रभारी अपने ज़िलों में प्रवास नहीं कर रहे हैं।
चुनाव अधिकारी पांडेय ने ज़िला चुनाव प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से संवाद करें। आमराय से मंडल अध्यक्ष का नाम तय हो, इसका प्रयास किया जाए।
60 साल से कम उम्र का होगा जिलाध्यक्ष
पार्टी नेतृत्व ने 60 वर्ष से ऊपर के नेताओं को संगठन के ज़िलाध्यक्ष पद से बाहर रखने का निर्णय लिया है। उनके अनुभवों का लाभ संगठन के अन्य क्षेत्रों में लिया जाएगा। साथ ही मंडल अध्यक्ष का दायित्व युवाओं के हाथों में ही देने का निर्णय लिया गया है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि 45 वर्ष से ऊपर उम्र के कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्ष का दायित्व नहीं दिया जाएगा। मंडल अध्यक्ष की न्यूनतम आयु 35 वर्ष निर्धारित की गई है।
ओबीसी और एससी पर फ़ोकस
भाजपा का संगठन चुनाव में ओबीसी और एससी पर पूरा फ़ोकस रहेगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि संगठन चुनाव में ओबीसी और एससी के साथ ही युवा और महिलाओं को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
सिफारिशों से दूरी बनाने की चेतावनी
प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों को चेतावनी दी कि वे सिफारिश कराने के चक्कर में न पड़ें। ज़िलाध्यक्ष के चयन में निष्ठा और योग्यता को ही वरीयता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक दिसंबर से पहले संगठन चुनाव के लिए तीन जिलों पर एक पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिया जाएगा।
बढ़ाए जाएंगे सक्रिय सदस्य
संगठन ने भले ही प्रदेश के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक साधारण सदस्य बना लिए हों, पर पार्टी नेतृत्व सक्रिय सदस्यों की संख्या से संतुष्ट नहीं है। सबसे कम सक्रिय सदस्य ब्रज क्षेत्र में बने हैं। ब्रज में यह संख्या 27000 है। पश्चिम में सर्वाधिक 48000, अवध में 32000, गोरखपुर में 30000, कानपुर में 28000 और काशी में 28000 सक्रिय सदस्य बने हैं। प्रदेश नेतृत्व ने सक्रिय सदस्यों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है।
ये होंगे कार्यक्रम
संगठन चुनावों के बीच पार्टी ने 26 जनवरी तक संविधान पर्व मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बूथ से लेकर मंडल स्तर पर गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई जाएगी और 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
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