पालीवाल पार्क के 20 एकड़ क्षेत्र में विकसित होगा बायोडायवर्सिटी पार्क
आगरा। पालीवाल पार्क को बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। 20 एकड़ क्षेत्रफल में इसको विकसित किया जाएगा। इसमें से 17 एकड़ क्षेत्रफल जंगली क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। बाक़ी तीन एकड़ क्षेत्रफल को एजुकेशनल और रिक्रिएशनल एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा।

- गुरूजल संस्था और राजकीय उद्यान विभाग के मध्य हुआ एमओयू साइन
इस संबंध में आज मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में उप निदेशक उद्यान द्वारा अवगत कराया गया कि उद्यान विकास समिति की विगत जून 2024 में हुई बैठक में राजकीय उद्यान पालीवाल पार्क के 20 एकड़ क्षेत्रफल पर बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया था। उद्यान विकास समिति की बैठक में लिए गये निर्णय के क्रम में गुरूजल संस्था द्वारा तैयार की गयी परियोजना को निदेशालय उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ से अनुमोदन मिल चुका है।
आयुक्त कार्यालय के लघु सभागार में हुई बैठक में गुरूजल संस्था एवं अधीक्षक राजकीय उद्यान के मध्य मंडल आयुक्त, जिलाधिकारी, एडीए उपाध्यक्ष एवं नगर आयुक्त के समक्ष एमओयू साइन हुआ।
गुरुजल संस्था की प्रोग्राम मैनेजर मनीषा मलिक द्वारा परियोजना के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि राजकीय उद्यान पालीवाल पार्क आगरा में 20 एकड़ क्षेत्रफल पर बायोडायवर्सिटी पार्क की स्थापना हेतु तकनीकी सदस्यों द्वारा पालीवाल पार्क का स्थलीय निरीक्षण/सर्वे करने के उपरान्त प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में 17 एकड़ क्षेत्रफल को जंगली क्षेत्र के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। जिसका उद्देश्य प्राकृतिक वन्य आवास बनाने तथा क्षेत्र की मूल जैव विविधता को प्रतिबिंबित करने वाले वनस्पति समुदायों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित होगा। यह क्षेत्र में स्वदेशी पौधों तथा प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से बनाने वाली प्रजातियों के पेड़, झाडियों, घास को शामिल किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि तीन एकड़ क्षेत्रफल को एजुकेशनल एण्ड रिक्रिएशनल एरिया के रूप में विकसित किया जायेगा। इसमें बटरफ्लाई पार्क, मेडिसिनल पार्क, लिली पाउंड व छोटी नर्सरी विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही इस प्रस्तावित पार्क में पाथवे, वॉक वे आदि भी बनाये जायेगें।
प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि वजीरपुरा नाले से निकलने वाले वर्षा/सीवेज पानी को सिंचाई के प्रयोग में लाये जाने हेतु वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एण्ड बायोसवेल्स के अन्तर्गत 400 केएडी का नेचर एण्ड बेस्ड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य कराये जाने का प्रस्ताव है। इस शोधन प्लांट के पानी का प्रयोग उद्यान की सिंचाई में प्रयोग किया जायेगा। साथ ही इस पानी का प्रयोग बाल विहार उद्यान में बने प्राकृतिक जलाशय को भरने में भी किया जायेगा।
प्रस्तावित परियोजना को पूर्ण कराये जाने के लिए एक टीम निर्धारित की जायेगी, जो सभी कार्यों को जिम्मेदारी के साथ करायेगी। परियोजना का कार्य पूर्ण हो जाने के बाद आगे संचालन के लिए भी अपनी सलाह एवं सहायता प्रदान करेगी। इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन पर अनुमानित 8.25 करोड़ रूपये व्यय होना सम्भावित है। परियोजना पर प्रस्तावित व्यय की फण्डिंग पूर्ण रूप से सीएसआर के माध्यम से करायी जायेगी। यह पूरी परियोजना 5 वर्ष में पूर्ण होगी।
एमओयू साइन होने से पूर्व मण्डल आयुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि परियोजना के अन्तर्गत होने वाले कार्यों के अन्तर्गत उद्यान में रोपित किसी पेड़ को कोई क्षति न पहुंचाई जाए। उद्यान में घूमने आने वाले नागरिकों एवं अन्य गणमान्य लोगों के साथ परियोजना की जानकारी हेतु एक आवश्यक बैठक भी करा ली जाए। निर्धारित की जाने वाली टीम द्वारा समय-समय पर मानीटरिंग की जाएगी कि परियोजना के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण हेतु सभी मानकों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं। चरणबद्ध रूप से पालीवाल पार्क का विकास किया जाए और कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए।
मंडलायुक्त सिंह द्वारा गुरूजल संस्था के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि परियोजना की डीपीआर शीघ्र तैयार करायें तथा परियोजना के क्रियान्वयन हेतु समुचित सीएसआर की व्यवस्था भी कराने के निर्देश दिये गये।
बैठक में जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी, एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मौली, नगरायुक्त अंकित खण्डेलवाल, उपनिदेशक उद्यान विभाग धर्मपाल सिहं, अधीक्षक उद्यान रजनीश पाण्डेय, अधिवक्ता केसी जैन आदि मौजूद रहे।