प्रियंका की शपथ से पहले बजे ढोल नगाड़े, संसदीय पारी की शुरुआत
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव पद से राजनीति में एंट्री करने वालीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज अपनी संसदीय पारी की भी शुरुआत कर दी। केरल के वायनाड से लोकसभा की सदस्य चुनी गईं प्रियंका वाड्रा ने आज पूर्वाह्न में सांसद के रूप में शपथ ली। प्रियंका के संसदीय पारी की शुरुआत करने के मौके पर कांग्रेसजनों में जबर्दस्त उत्साह देखा गया। ढोल नगाड़ों के बीच प्रियंका को संसद भवन के लिए रवाना किया गया।
-कांग्रेस दफ्तर से संसद जाते समय कार्यकर्ताओं ने लगाए जोशीले नारे, मां सोनिया, भाई राहुल और पति राबर्ट भी साथ थे
प्रियंका वाड्रा के सांसद के रूप में शपथ ग्रहण के मौके पर उनके साथ मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी और पति राबर्ट वाड्रा भी लोकसभा में मौजूद थे। इससे पहले जब प्रियंका वाड्रा कांग्रेस दफ्तर से संसद से निकलने को थीं, तब वहां बड़ी संख्या में एकत्रित कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साह में नारे लगा रहे थे। ढोल नगाड़े भी बज रहे थे।
प्रियंका गांधी वाड्रा राजनीति में बहुत देरी से सक्रिय हुईं। कांग्रेस महासचिव बनाए जाने से पहले उनका राजनीतिक जुड़ाव केवल लोकसभा चुनाव के दौरान मां सोनिया गांधी के क्षेत्र रायबरेली और भाई राहुल गांधी की सीट अमेठी में प्रचार तक सीमित था। कांग्रेस की एक लॊबी लम्बे समय से प्रयासरत थी कि प्रियंका राजनीति में आएं। अंततः उन्होंने कांग्रेस महासचिव पद के साथ कांग्रेस में राजनीतिक पारी की शुरुआत की।
कांग्रेस में एक बड़ा तबका है, जिसे प्रियंका वाड्रा में स्व. इंदिरा गांधी का अक्स दिखता है। ये तबका चाहता है कि कांग्रेस की बागडोर प्रियंका वाड्रा को सौंपी जाए। कांग्रेस से बाहर आ चुके वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तो इसके लिए व्यापक स्तर पर मुहिम भी चलाई थी। कांग्रेस के अंतःपुर से ये खबरें भी समय-समय पर बाहर आती रहीं कि पार्टी के अंदर राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के अलग-अलग गुट बन चुके हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सोनिया गांधी जब राज्यसभा की सदस्य चुनी गईं, तभी माना जा रहा था कि रायबरेली की सीट से प्रियंका मैदान में उतरेंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। केरल की वायनाड के साथ रायबरेली सीट से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा और वे दोनों सीटों से जीत गए। बाद में राहुल ने वायनाड सीट छोड़ी तो वहां से उप चुनाव में प्रियंका वाड्रा को चुनाव लड़ने का मौका मिला। प्रियंका ने वायनाड से चार लाख से अधिक मतों के अंतर से विजय हासिल की है।
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी उत्तर भारत तो प्रियंका गांधी दक्षिण भारत में पार्टी को आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगी।
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