बबिता लखनऊ पहुंचीं, दो दिन चला स्वागत का सिलसिला

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनाई गई वरिष्ठ भाजपा नेत्री बबिता चौहान का दो दिन तक आगरा में स्वागत का सिलसिला चला। बबिता चौहान आज लखनऊ पहुंच गई हैं।

Sep 5, 2024 - 14:45
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बबिता लखनऊ पहुंचीं, दो दिन चला स्वागत का सिलसिला
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की नव नियुक्त बबिता चौहान और पति जितेंद्र चौहान का स्वागत करते उनके समर्थक।

आगरा। आगरा से पहली बार किसी महिला को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद संभालने का मौका मिलने जा रहा है। आगरा की वरिष्ठ भाजपा नेत्री बबिता चौहान को राज्य महिला आयोग की कमान सौंपी गई है। बबिता चौहान राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए दायित्व का आभार जताने के लिए आज लखनऊ पहुंच गई हैं। समझा जाता है कि वे लखनऊ प्रवास में मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। 

बीते मंगलवार की शाम जैसे ही बबिता चौहान को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाने की अधिसूचना जारी हुई, आगरा में उनके बाग फरजाना, सिविल लाइंस स्थित आवास पर समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। कार्यकर्ता फूलमालाएं और बुके देकर उनका स्वागत करते रहे। रात दो बजे तक स्वागत का सिलसिला चला। बुधवार सुबह से ही देर रात तक स्वागत करने वाले उनके आवास पर पहुंचते रहे। 

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को मंत्री जैसी सारी सुविधाएं मिलती हैं। उन्हें सरकार की ओर से वेतन-भत्ते के अलावा सरकारी आवास, पुलिस एस्कार्ट, गाड़ी, स्टाफ एवं अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। आयोग की उपाध्यक्ष और सदस्यों का प्रोटोकाल भी मंत्री जैसा ही होता है। राज्य महिला आयोग का दफ्तर गोमती नगर, लखनऊ में है। 

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग एक संवैधानिक संस्था है। 2002 में महिला आयोग अस्तित्व में आया। 2004 में इसे कानूनी दर्जा दिया गया। प्रारंभ में महिला आयोग में अध्यक्ष के अलावा सात सदस्य होते थे। 2007 में पहला संशोधन कर आयोग में उपाध्यक्ष पद का भी प्रावधान किया गया। 2013 में दूसरा संशोधन हुआ, जिसमें आयोग के सदस्यों की संख्या सात से बढ़ाकर 25 करने का प्रावधान किया गया। 

आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है। महिला उत्पीड़न के मामले में अगर किसी स्तर पर कार्यवाही में ढिलाई बरती जाती है तो आयोग संबंधित जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधकारियों को तलब कर सकता है। यही नहीं, आयोग किसी भी मामले में पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश भी पुलिस को दे सकता है। महिला आयोग के दफ्तर में महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में जो भी शिकायतें पहुंचती हैं, आयोग उनकी सुनवाई ठीक उसी तरह करता है, जैसे कोर्ट में होती है। महिला आयोग को सिविल कोर्ट जैसे अधिकार भी मिले हुए हैं। 

बबिता चौहान से पहले गौतमबुद्ध नगर की पूर्व विधायक विमला बाथम राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद को संभाल रही थीं। बबिता चौहान के साथ आयोग में उपाध्यक्ष के रूप में स्व. मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव, गोरखपुर की जूही चावला सहयोग करेंगी। इसके अलावा आयोग में कई सदस्य भी नामित की गई हैं। 

राज्य महिला आयोग में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भांजा बहू निर्मला दीक्षित भी आगरा से सदस्य रही हैं। इससे पहले सपा सरकार के समय रोली तिवारी मिश्रा आयोग की सदस्य रह चुकी हैं। 

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SP_Singh AURGURU Editor