आज देवउठान एकादशी संग शुरू हो रहे मांगलिक कार्य
आगरा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी देवउठान एकादशी के रूप में मनाई जाती है। आज देवउठानी एकादशी मनाई जा रही है। चार माह के शयन के बाद भगवान श्री विष्णु जी जाग चुके हैं। इसी के साथ मांगलिक कार्य शुरू हो रहे हैं। आज ही चंद घंटों बाद बाद शहर भऱ में शहनाइयां बजने लगेंगी।
ज्योतिषाचार्य डा. अरविंद मिश्र ने देवउठान एकादशी का महत्व बताते हुए कहा भगवान श्री विष्णु जी आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए क्षीर सागर में शयन करते हैं। चार माह उपरांत कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। भगवान श्री विष्णु जी के शयनकाल के चार माह में विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। भगवान श्री विष्णु जी के जागने के बाद ही सभी विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं।
तुलसी विवाह
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कार्तिक स्नान कर माता तुलसी जी तथा भगवान श्री शालिग्राम जी का विवाह करते हैं। घर में तुलसी जी हो तो विवाह कर दें और ब्राह्मण से पूछ कर विवाह संबंधी सामग्री मंगा लें। तुलसी जी का गमला चुनें और गेरू से रंग लें। तुलसी जी का विवाह कराएं, हवन फेरी देकर पूजा करें।
एक साड़ी से मंडप बनाकर एक ब्लाउज चढ़ाएं। मंडप के नीचे तुलसी जी से शालिग्राम के फेरे दें। मिठाई भी चढ़ाएं। दक्षिणा अर्पित करें। तुलसी जी को साड़ी ब्लाउज पहना दें, नथ पहनाएं, सिंदूर और मेहंदी लगाएं। चूड़ी पहनाएं और तुलसी जी के विवाह का गीत गाएं।
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