वजीरपुरा के सीताराम मंदिर में सीता-राम विवाह महोत्सव में गाये गये मंगल गीत
आगरा। जनकपुरी सीताजी और रामजी के विवाह के उल्लास से सराबोर है। अयोध्या में भी कम उत्साह नहीं है। भिक्षुकों को बुलाकर निछावरें दी जा रही हैं। सब लोगों ने जब यह समाचार पाया, तब घर-घर बधावे होने लगे। चौदहों लोकों में उत्साह भर गया कि जानकी जी और श्रीरघुनाथजी का मंगल विवाह हो रहा है।
- सीताराम विवाह कथा का लिया भक्तों ने आनंद
कुछ ऐसा ही नजारा आज वजीरपुरा स्थित प्राचीन सीता राम मंदिर में विवाह पंचमी पर दिखा। भक्तों ने सीताराम विवाह का महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया। महंत अनंत उपाध्याय ने सीताराम विवाह कथा प्रसंग का वाचन किया। इसके बाद उपस्थित महिला श्रद्धालुओं ने विवाह के मांगलिक गीत गाए और शुभकामनाएं बांटी।
महंत अनंत उपाध्याय ने बताया कि मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम ने देवी सीता के साथ विवाह किया था। इसलिए इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्रीराम चेतना के प्रतीक हैं और माता सीता प्रकृति शक्ति की प्रतीक हैं।
मंदिर प्रांगण को दुल्हन की तरह सजाया गया था। आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ महोत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर अशोक उपाध्याय, मुकेश शर्मा, पुरुषोत्तम अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, ममता उपाध्याय, लता उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
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