रिपोर्ट का आदेश होते ही आगरा कालेज प्रिंसिपल ने परिवार संग आगरा छोड़ा, मोबाइल भी बंद
आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनुराग शुक्ला गंभीर संकट में फंस गए हैं। सीजेएम कोर्ट से अपने खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने का आदेश जारी होते ही डॉक्टर अनुराग शुक्ला ने परिवार सहित शहर छोड़ दिया है। प्राचार्य आवास पर ताला पड़ा हुआ है।
आगरा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश दिए जाने के चंद घंटों बाद आगरा कालेज के प्राचार्य डा. अनुराग शुक्ला अपने परिवार समेत आगरा छोड़कर कहीं चले गए हैं। इधर मुकदमा दर्ज होने के बाद लोहामंडी पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
सीजेएम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद लोहामंडी पुलिस ने डा. अनुराग शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष ढल ने तीन महीने पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में प्रिंसिपल डा. अनुराग शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। सुभाष ढल ने प्रार्थना पत्र में वे सबूत भी लगाए थे, जिनसे साबित होता है कि डा. अनुराग शुक्ला के नौ डाक्यूमेंट फर्जी हैं। कालेज के वित्तीय घोटालों का भी प्रार्थना पत्र में जिक्र था।
सीजेएम कोर्ट से अपने खिलाफ मुकद्मा दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद उसी दिन यानि 27 सितंबर को रात 9:42 बजे प्रिंसिपल डा. अनुराग शुक्ला ने आगरा कालेज परिसर स्थित अपना आवास छोड़ दिया। वे अपने साथ परिवारीजनों को भी ले गए हैं। प्राचार्य आवास पर अब ताला पड़ा हुआ है। डा. शुक्ला के साथ फिजिक्स डिपार्टमेंट के एक शिक्षक भी गए हैं, जिनका भी मोबाइल बंद जा रहा है। प्रिंसिपल के साले का नंबर भी पुलिस ने मिलाया, लेकिन यह भी बंद मिला।
समझा जाता है कि प्रिंसिपल डा. शुक्ला को आभास हो गया था कि अब उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है, इसलिए पुलिस के एक्टिव होने से पहले ही वे आगरा से निकल गए। इधर मुकदमा दर्ज करने के बाद लोहामंडी पुलिस प्राचार्य आवास पर भी पहुंची, लेकिन वहां ताला लगा देखकर वापस लौट आई।
प्रिंसिपल डा. शुक्ला ने अपना मोबाइल बंद कर रखा है, जिसकी वजह से पुलिस उनसे मोबाइल पर भी सम्पर्क नहीं कर पा रही है। बताया गया है कि पुलिस ने डा. शुक्ला के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया है ताकि मोबाइल के ओपन होते ही उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सके।
डा. शुक्ला के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है, वे सारी गैर जमानतीय हैं। धारा 420, 467, 468, 471, 386, 406, 409, 504 और 506 में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
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