कश्मीर और शिमला के सेब से सजी आगरा मंडी, कई प्रदेशों से रॉयल वैराइटी की एंट्री, हरे रंग का सेब भी उपलब्ध, अफगानिस्तानी आवक से होगा सस्ता
आगरा के बाजारों में इन दिनों आप अपने आस—पास सेब खूब देखेंगे। सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में सेब की भरमार हो गई है। बताया जा रहा है कि यहां कश्मीर से प्रतिदिन 20 से 30 ट्रक आ रहे हैं, जिनका वजन 12 से 14 टन तक होता है। वहीं जम्मू और शिमला के सेब की आवक भी बढ़ गई है। 70 से 75 ट्रक सेब की आवक मंडी में हो गई है। पिछले कुछ दिनों से दामों में भी कमी आई है। हालांकि दाम अभी उतने कम नहीं हुए हैं। सेब विक्रेताओं की मानें तो अफगानिस्तान से जो सेब आता है वह अभी नहीं पहुंचा है। उसके पहुंचते ही सेब के दामों में 50 फीसद तक कमी आ सकती है।
आगरा में सेब की एक बड़ी सप्लाई हिमाचल और कश्मीर से है। सिकंदरा फल एवं सब्ज़ी मंडी में कश्मीरी सेब की आवक होती है। यहां कश्मीरी सेब के रोज़ 15 से 20 ट्रक कश्मीरी सेब आते हैं। जुलाई से हिमाचल सेब की आवक शुरू हो जाती है और सितंबर के मध्य तक यह जारी रहती है। इन दिनों सेब कश्मीर और शिमला से अधिक आ रहा है जबकि अफगानिस्तान का सेब भी आने को है। मंडी के जानकारों की मानें तो अफगानिस्तान का सेब आते ही सेब की कीमत में 50 फीसद तक गिरावट आ सकती है। अभी सेब के दाम 80 से 180 तक चल रहे हैं। इसमें हर तरह का सेब है।
आगरा से एटा, फ़ीरोज़ाबाद, हाथरस, कासगंज, मथुरा आदि जिलों में भी सेब भेजा जाता है। ऐसे में वहां भी इन दिनों काफी सप्लाई हो रही है। वहां भी बाजार सेब से सज गए हैं। जैसे ज़िलों में होती हैं। सिकंदरा मंडी से सेब की बिक्री राजस्थान, मध्य प्रदेश और अलीगढ़ मंडल में भी होती है।
सेब की खेती ज़्यादातर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की पहाड़ियों में की जाती है। कुछ हद तक इसकी खेती अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, पंजाब और सिक्किम में भी होती है।
दयालबाग में सोनू फ्रूट एंड वेजिटेबिल के सोनू का कहना है कि अभी कश्मीरी सेब की आवक भी बढी हुई है और अफगानिस्तान से सेब का आयात भी बढ़ेगा। ऐसे में सेब के दाम में अगले कुछ सप्ताह और तेज गिरावट देखने को मिलेगी।
वहीं बल्केश्वर में फल विक्रेता हरी का कहना है कि ऐसे तो अगस्त से ही सेब बाजार में अच्छी बैराइटी में दिखने लगता है लेकिन सितंबर के महीने में भरपूर होता है।
What's Your Reaction?