नाट्य समारोह में आगरा के नाटक को मिली वाहवाही
आगरा। उत्तर प्रदेश इप्टा का चार दिवसीय नाट्य समारोह शाहजहांपुर में काकोरी काण्ड के शताब्दी वर्ष को समर्पित रहा। समारोह में इप्टा आगरा ने नाटक" मैं भी कैसा पत्रकार हूं", गांधी भवन प्रेक्षागृह में प्रस्तुत किया। नाटक के लेखक एवं कविताएं नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी तथा निर्देशन दिलीप रघुवंशी ने किया।
-शाहजहांपुर में चार दिन चला इप्टा का नाट्य महोत्सव
-इप्टा आगरा ने ‘मैं भी कैसा पत्रकार हूं’ का किया मंचन
समारोह में इप्टा के राष्टीय महासचिव तनवीर अख्तर,राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राकेश तथा उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष डे, महासचिव शहजाद रिजवी,उपाध्यक्ष दिलीप रघुवंशी, वेदा राकेश,अनिल रंजन भौमिक,राज पप्पन, ओम प्रकाश नदीम आदि उपस्थित थे।
"मैं भी कैसा पत्रकार हूं" 70- 80 के दशक का नाटक है। जिसमें पत्रकार गोविंद के जीवन की विषमताओं को रेखांकित किया गया है।देर रात तक समाचार पत्र के कार्यालय में काम करना। सुबह घर लौटने की वजह से परिवार में कलह का बढ़ जाना।आर्थिक अभाव से ग्रस्त गोविंद,यतीश का नित्य नई समस्याओं से जूझना। समाचार पत्र के कार्यालय में विभिन्न लोग आते हैं,जिनका बस एक ही मंतव्य होता है,किसी भी तरह से उनका समाचार छप जाये। छपास रोग से पीड़ित ऐसे कई पात्र नाटक में हैं।
नोक झोंक के साथ हास्य रस से भरपूर नाटक समाज को यह संदेश देता है कि हमें प्रत्येक विषम परिस्थिति में लड़ना है। निराश नहीं होना है। पत्रकारिता का धर्म निभाते हुए अपने कर्तव्य से समझौता नहीं करना है।
नाटक में पत्रकार गोविंद की भूमिका असलम खान, चौधरी का मुक्ति किंकर, यतीश का जय कुमार, सच्चिदानंद का सूरज सिंह, भैसवाला/नेता का सिद्धार्थ रघुवंशी, फॉरमैन का ओमकार राठौर और खबरवाला का दिलीप रघुवंशी ने रोल अदा किया।
रेडियो नाटक के पात्र कामिनी की भूमिका ततहीर चौहान, सुरेश की सिद्धार्थ रघुवंशी ने निभाई। रंग सज्जा सूरज सिंह, दृश्य सज्जा मुक्ति किंकर, पार्श्व संगीत सिद्धार्थ रघुवंशी, नाट्य सामिग्री जय कुमार की थी। समारोह में इप्टा की विभिन्न इकाइयों लखनऊ,आगरा,इलाहबाद,सहारनपुर,बनारस, उरई,मेरठ,मुज्जफर नगर शाहजहांपुर ने अपनी भागेदारी निभाई।
आयोजन समिति के शहीद अशफाक उल्ला खां के पौत्र अशफाक उल्ला खां एवं इप्टा शाहजहांपुर के संरक्षक जरीफ मालिक आनंद,अध्यक्ष संजय कुमार राठौर,महासचिव आलोक सक्सेना आदि ने चार दिवसीय नाट्य समारोह को भव्य बनाने में कड़ी मेहनत की।
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