आगरा कॊलेज प्राचार्य पदः डॊ. अनुराग शुक्ल की याचिका हाई कोर्ट द्वारा खारिज
आगरा। आगरा कॊलेज के प्रिंसिपल पद से हटाए जा चुके डॊ. अनुराग शुक्ल को हाई कोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने डॊ. शुक्ल की याचिका को निरस्त कर दिया है। इस प्रकार उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा डॊ. अनुराग शुक्ल का अभ्यर्थन शून्य घोषित करने के निर्णय को बरकरार रखा है। उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा आगरा कॊलेज के प्रिसिंपल पद की आसन व्यवस्था रिक्त घोषित किए जाने के आदेश पर भी हाईकोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है।
आयोग के निर्णय और उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश को डॊ. अनुराग शुक्ल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में डॊ. अनुराग शुक्ल ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग, निदेशक उच्च शिक्षा, आगरा कॊलेज प्रबंध समिति अध्यक्ष और आगरा कॊलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॊ. सीके गौतम को पार्टी बनाया था। पहले यह मामला जस्टिस प्रकाश पहाड़िया की बेंच में सुना जा रहा था। हाई कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस भेजकर काउंटर दाखिल करने को कहा था।
बाद में जस्टिस पहाड़िया ने यह मामला जस्टिस श्याम सौरभ शमशेरी की रेगुलर बेंच में सुनवाई के लिए भेज दिया था। न्यायमूर्ति शमशेरी ने पिछली सुनवाई के दौरान डॊ. अनुराग शुक्ल के फेक डॊक्यूमेंट्स की बात सामने आने पर यहां तक कह दिया था कि डॊ. शुक्ल को पहले ही क्यों नहीं हटा दिया गया।
आज फिर से जस्टिस शमशेरी ने इस मामले को सुना। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस शमशेरी ने डॊ. अनुराग शुक्ल की याचिका निरस्त कर दी।