आगरा कॊलेजः 40 प्रोफेसर थे कार्यवाहक प्राचार्य की दौड़ में, उच्च शिक्षाधिकारी ने मना कर दिया था, मौका मिला डॊ. आरके श्रीवास्तव को
आगरा। आगरा कॊलेज के कार्यवाहक प्राचार्य पद पर अंततः डॊ. आरके श्रीवास्तव ही बैठे। कॊलेज की प्रबंध समिति ने सीनियर प्रोफेसर एवं गणित विभागाध्यक्ष डॊ. आरके श्रीवास्तव को बीती रात कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त किया और रात में ही डॊ. श्रीवास्तव ने कार्यभार भी संभाल लिया। कॊलेज के लगभग 40 प्रोफेसर कार्यवाहक प्रिंसिपल बनने की दौड़ में शामिल थे।
एक जानकारी यह भी मिली है कि कॊलेज प्रबंध समिति आगरा के उच्च शिक्षा अधिकारी को कार्यवाहक प्रिंसिपल का पदभार सौंपना चाहती थी, लेकिन तमाम विवादों में घिरे इस कॊलेज का कार्यवाहक प्रिंसिपल बनना उन्होने स्वीकार नहीं किया था। इसी के बाद गणित विभागाध्यक्ष डॊ. आरके श्रीवास्तव को यह पदभार सौंपा गया।
डॊ. अनुराग शुक्ल को प्रिंसिपल पद से हटाए जाने के बाद से यह पद रिक्त चला आ रहा था। लगभग तीन सप्ताह से कॊलेज में विवि की परीक्षाएं भी प्रिंसिपल के बगैर ही हुईं। चूंकि प्राचार्य ही कॊलेज प्रबंध समिति के सचिव होते हैं, इसलिए डॊ शुक्ल के हटने के बाद कॊलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन भी नहीं बंट पा रहा था।
कॊलेज में कार्यवाहक प्रिंसिपल की नियुक्ति कॊलेज प्रबंध समिति की को करनी थी। प्रबंध समिति की अध्यक्ष मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी और उपाध्यक्ष जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी हैं। समझा जा रहा है कि कॊलेज के कार्यवाहक प्राचार्य पद पर नियुक्ति में इतनी देरी इसलिए हुई कि कई अन्य प्रोफेसर वरिष्ठता के आधार पर इस पद के लिए दावा कर रहे थे।
बता दें कि नवंबर माह के अंत में जब तत्कालीन प्राचार्य डॊ. अनुराग शुक्ल लम्बी छुट्टी पर गए थे, तब वे भी डॊ. आरके श्रीवास्तव को ही प्राचार्य का पदभार सौंपकर गए थे। उस समय डॊ. श्रीवास्तव लगभग 40 दिन तक प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत रहे थे।
जानकार सूत्रों के अनुसार कॊलेज प्रबंध समिति ने कल शाम ही डॊ. आरके श्रीवास्तव के नाम को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिला था। बताया गया है कि डॊ. आरके श्रीवास्तव बीती रात मंडलायुक्त कार्यालय पर अपने समर्थक शिक्षकों के साथ जमे रहे। अंततः उन्हें रात नौ बजे बाद लेटर मिला और उन्होंने वहां से सीधे कॊलेज पहुंचकर रात दस बजे ज्वाइनिंग कर ली।
What's Your Reaction?