आगरा में हीट स्ट्रोक से बचाव को एक्शन प्लान, रेड अलर्ट, ग्रीन कवर, स्कूलों में वाटर बेल
आगरा। प्रचंड गर्मी के दौरान होने वाली मौतों को रोकने के लिए आगरा में हीट एक्शन प्लान लागू होने जा रहा है। गुजरात के इंडियन इंस्टीट्यूट ऒफ पब्लिक हेल्थ को आगरा के अलावा प्रयागराज, झांसी और लखनऊ को हीट एक्शन प्लान के लिए चुना गया है। इंस्टीट्यूट का दावा है कि इस प्लान के लागू होने से आगरा में गर्मी से होने वाली मौतों में कम मसे कम 30 प्रतिशत की कमी आएगी।
-हीट एक्शन प्लान के लिए आगरा के अलावा लखनऊ, झांसी और लखनऊ का हुआ है चयन
इस कार्यशाला में प्रो. गोलेच्छा ने बताया कि 2016 में अहमदाबाद में हीट स्ट्रोक बहुत तेजी से आया था। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस हो जाने के कारण मई और जून के महीने में मृत्यु दर बहुत तेजी से बढ़ गई थी।
इसके बढते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में हीट एक्शन प्लान बनाने का निर्देश गांधीनगर के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ को दिया था। इस साल यूपी के चार शहरों आगरा, प्रयागराज, झांसी और लखनऊ को इस प्लान के तहत चुना गया है।
आगरा में 70 दिन रहा 45 डिग्री तापमान
प्रोफेसर गोलेच्छा ने बताया कि सर्वे करने पर पता चला है कि इस साल आगरा में मई और जून के महीने में 70 दिन आगरा का तापमान 45 डिग्री से भी अधिक रहा, जिसके कारण तमाम बीमारियां फैलीं और इस दौरान यहां मृत्यु दर भी बढ़ गई थी।
हीट स्ट्रोक का रेड अलर्ट जारी होगा
उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट ने आगरा नगर निगम के साथ हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए एक प्लानिंग शुरू कर दी है। इसमें तय किया गया है की हीट स्ट्रोक आने पर रेड अलर्ट जारी किया जाएगा। निगम की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर लोगों को जागरूक करेंगे।
स्कूलों में हर घंटे वाटर बेल
इस प्लान में सबसे ज्यादा फोकस स्कूलों पर किया जा रहा है। स्कूलों के प्रबंधतंत्र को निर्देश दिया गया है कि वह हर एक घंटे बाद वॉटर बेल का प्रयोग करें जिसमें बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए प्रेरित किया जा सके। बच्चे अपने घरों पर पहुंचकर अपने परिवार के लोगों को भी हीट स्ट्रोक से बचने को ज्यादा पानी पीने के लिए जागरूक करें। स्कूलों का टाइमिंग भी सुबह के समय का ही रखा जाए। बुजुर्गों ,बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नमक मिला हुआ पानी या ओआरएस का घोल दिया जाए।
बिल्डिंग्स व चौराहों पर ग्रीन कवर
प्लान के तहत सुझाया गया है कि बिल्डिंगों को ग्रीन कवर में रखा जाए और प्रमुख चौराहा की रेड लाइट पर भी ग्रीन कवर लगा दिए जाएं। शहर के प्रमुख चौराहों, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर कुलिंग सेंटर बनाए जाएं। टेंट लगाकर कूलर, पंखे लगाए जाएं। ओआरएस का घोल पानी के साथ रखा जाए। अगर किसी को कोई परेशानी होती है तो वह कुलिंग सेंटर में रुक कर अपनी जान बचा सकता है।
घरों की छतों पर सफेद पेंट करें
प्रो. गोलेच्छा ने बताया कि प्लान के तहत मलिन बस्तियों में रहने वालों की भी हमें सुरक्षा करनी है। वहां लोग अपने घरों की छतों पर सफेद पेंट कर दें। व्हाइट पेंट होने से घरों के तापमान में पांच प्रतिशत तक की कमी आ जाती है। रेड अलर्ट के दौरान फैक्ट्री में दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक ब्रेक रखा जाए।
रेड अलर्ट का अनाउंस कराएं
हीट स्ट्रोक के रेड अलर्ट के लिए शहर भर में पोस्टर, बैनर लगाए जाएं। नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली गाड़ियों से अनाउंस कराया जाए और ट्रैफिक रेड लाइटों पर भी स्पीकरों से लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी जाए।
प्रो. गोलेच्छा ने हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए हरियाली बढ़ाने पर भी जोर दिया। इसके लिए मियावाकी पद्धति से पौधे लगाए जाए। छोटी-छोटी मियावाकी बनाई जाएं। आधा आधा मीटर पर पेड़ लगाकर यह मियावाकी बनाई जा सकती हैं।
इस मौके पर अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र कुमार यादव, स्वच्छता अभियान के समन्वयक बलजीत सिंह, बाग फरजाना के पार्षद शरद चौहान, लीडर्स आगरा के महामंत्री सुनील जैन, नगर निगम की ब्रांड एंबेसेडर अंजू कुमारी सहित सभी प्रमुख स्कूलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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