डबल मर्डर के आरोपी बरी, पुलिस की विवेचना स्तरहीन थी
आगरा। हत्या और आपराधिक षड्यन्त्र एवं आयुध अधिनियम के तहत आरोपित रामसेवक पुत्र सरदार सिंह निवासी मस्ता की बगीची, थाना हरीपर्वत एवं रनवीर पुत्र रमेश सिंह निवासी ग्राम मल्लाहपुरा, थाना फतेहाबाद को अपर जिला जज-6 नीरज कुमार महाजन ने पुलिस द्वारा विवेचना में बरती गई लापरवाही पर बरी करने के आदेश दिये हैं।
-दोनों म्रतक सगे भाई थे, कोर्ट ने आदेश की प्रति डीएम और पुलिस कमिश्नर को भी भिजवाई
अदालत ने अत्यंत संवेदनशील मामले में विवेचक द्वारा की गई स्तरहीन विवेचना को अत्यंत ही आपत्तिजनक मानते हुये आदेश की प्रति जिलाधिकारी आगरा एवं पुलिस आयुक्त को प्रेषित करने के आदेश भी दिये हैं।
थाना न्यू आगरा में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा असरत अली पुत्र इस्लाम खान निवासी बसंत बिहार, राजपुर, थाना सदर ने थाने पर तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके दोनों भाई असलम अली एवं अकरम अली, न्यू नवल सिक्योरिटी सर्विस में कार्यरत थे।
22 फरवरी 2010 की सुबह साढ़े नौ बजे प्रतिदिन की भांति वह ड्यूटी पर तैनात अन्य सिक्योरिटी गार्डों को चेक करने अपनी मोटरसाइकिल यूपी81 पी 6694 से जा रहे थे। गैलाना रोड पर निर्भय नगर के समीप मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली चलाकर दोनों भाइयों की हत्या कर दी।
वादी की तहरीर पर थाना न्यू आगरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के दौरान मृतक भाइयों के मामा इस्लाम पुत्र अल्लाहदीन निवासी ट्रांस यमुना कॉलोनी, थाना एत्माउद्दोला एवं मृतकों की ही एजेंसी में कार्यरत आरोपी राम सेवक पुत्र सरदार सिंह निवासी मस्ता की बगीची, थाना हरीपर्वत एवं रनवीर पुत्र रमेश सिंह निवासी ग्राम मल्लाहपुरा, थाना फतेहाबाद जिला आगरा को हत्या, आपराधिक षड्यन्त्र एवं आयुध अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर जेल भेजा था।
अभियोजन की तरफ से वादी मुकदमा असरत अली ने मृतकों के पिता इस्लाम खान, श्रीमती सायरा बानो, डॉ. संजीव सक्सेना, सैय्यद वकील अहमद कादरी, सीओ बलधारी सिंह, कमरुद्दीन एवं दिवाकर सिंह यादव को गवाही हेतु अदालत में पेश किया गया।
मृतकों के पिता इस्लाम खान ने अपनी गवाही में कथन किया कि आरोपी इस्लाम पुत्र अल्ल्लादीन उसका साला लगता था। वह अपनी पुत्रियों का निकाह उसके पुत्रों के साथ करना चाहता था। मना करने पर उसने आपराधिक षड्यन्त्र के तहत दुहरे हत्याकांड को अंजाम दिलाया।
आरोपी इस्लाम की विचारण के दौरान म्रत्यु हो जाने पर अदालत ने उसके विरुद्ध मुकदमे की कार्यवाही समाप्त कर दी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अलग-अलग हथियारों से मृतकों की हत्या के बावजूद पुलिस ने आरोपी रनवीर से ही उसकी लाइसेंसी 12 बोर की डबल बैरल बंदूक बरामद की। मृतक असलम के शरीर से बरामद गोली से हुई हत्या के बाबत विधि विज्ञान प्रयोगशाला से बंदूक की जांच आख्या भी प्राप्त नहीं की।
एसी ही अन्य लापरवाहियां बरतने पर अपर जिला जज-8 नीरज कुमार महाजन ने विवेचक द्वारा की गई विवेचना को स्तरहीन एवं अत्यंत आपत्तिजनक पाते हुये साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी करने के साथ ही आदेश की प्रति जिलाधिकारी आगरा एवं पुलिस आयुक्त को प्रेषित करने के आदेश दिये।
आरोपियों की तरफ से मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता दीवान सिंह वर्मा एवं राज कुमार वर्मा द्वारा की गई।
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