एक डीएम का न्यू ईयर ग्रीटिंग कार्ड , जो पर्यटन को बढ़ावा देगा
आरके सिंह बरेली। बरेली के जिलाधिकारी रविंन्द्र कुमार ने पत्थर बर्फ का सीना चीरते हुए माउंट एवरेस्ट पर फतह करके यह सिद्ध कर दिया था कि यदि प्रबल इच्छा शक्ति हो और कठोर परिश्रम का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। इसी सिद्धांत पर चलते हुए उन्होंने बरेली में पर्यटन प्रोत्साहन की विशेष पहल नये साल पर अनूठी बधाई सन्देश से की है।
उन्होंने जंगल में रहना शुरू कर दिया था। एक बार वह शौच के हाथ धोने झील पर आए तब हाथ धोने पर उनके हाथ का कोढ़ जाता रहा। इसके बाद राजा झील में पूरा नहाये तो उनका शरीर कोढ़ मुक्त हो गया। इसके बाद राजा वहीं बस गये और उन्होंने लीलौर गांव बसाया। लीलौर झील पर्यटन की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण है। प्रवासी पक्षियों का यहां आना आकर्षण केंद्र है।
बधाई कार्ड के दूसरे पृष्ठ पर अहिच्छत्र के खण्डहर (प्राचीन/पाण्डव कालीन किला) का चित्र है। यह खंडहर रामनगर ग्राम के पूर्व में तथा जैन मन्दिर के सामने लगभग 5.6 किमी में फैले हुए हैं जो कि प्राचीन वैभवशाली नगर अहिच्छत्र के हैं। अहिच्छत्र के खण्डहरों में सबसे महत्वपूर्ण स्मारक भीम गदा का है।
कार्ड के तीसरे पृष्ठ पर प्रभावी बधाई सन्देश है। चौथे यानि
अंतिम पृष्ठ पर महाराणा प्रताप वेट लैंड का आकर्षक चित्र है। वेट लैंड विशुद्ध रूप से पर्यटन की दृष्टि से बहुत मनोहारी है।
जिलाधिकारी रविंन्द्र कुमार ने बताया कि बरेली पर्यटन की दृष्टि से बहुत समृद्धशाली है। हमारा कर्तव्य है कि बरेली के पर्यटन स्थलों के प्रति जागरूकता पैदा की जाये। वैभव, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य की छटा पूरे देश में पहुंचे।
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