'मेरे हालात ऐसे हैं कि मैं कुछ कर नहीं सकता...'
आगरा के अलग—अलग स्थानों पर यह तीनों दृश्य आज 22 अक्टूबर 2024 के हैं। इस तरह की तस्वीरों को देख लोग अक्सर मजाक उड़ाते हैं। होली के मौके पर ऐसे नजारों को अक्सर रूझान कहकर मजाक उड़ाया जाता है। जाहिर है दिवाली पर भी मजाक ही उड़ेगा। लेकिन हमारी मंशा किसी का मजाक उड़ाने की बिल्कुल भी नहीं है। नशे की गिरफ्त में आए युवाओं से बस एक सवाल है। हमें कैसा जीवन चुनना चाहिए ? पहला नजारा सेंट जॉन्स क्रॉसिंग का है। सुबह 10 बजे का समय है। प्राचीन हनुमान मंदिर पर लोग पूजा—अर्चना करने आ रहे हैं। घंटे—घड़ियाल की आवाज दूर तलक सुनाई दे रही है। लेकिन यह जनाब नशे में धुत सड़क के बीचों—बीच पड़े हुए हैं। घंटों की तेज ध्वनि, सूरज की तेज किरणें और वाहनों का शोर भी इन पर कोई असर नहीं डाल रहा है। दूसरी तस्वीर सुल्तानगंज की पुलिया की है। यहां एक रिक्शा चालक को नशे में धुत जमीन पर पड़ा देखा जा सकता है। वहीं तीसरे चित्र में भी एक सख्श भरी दोपहर नशे की हालत में सड़क किनारे पड़ा नजर आ रहा है। त्योहार का उत्साह अपनी जगह है, लेकिन आगरा के अलग—अलग कोनों से नशे की लत में पड़कर अपनी सेहत, शोहरत, पैसा और प्रतिष्ठा तक दांव पर लगाते युवाओं को इस हालत में देखना यकीनन दुखद है।
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