कुएं में गिरे 55 किलो वजनी  अजगर को वाइल्डलाइफ एसओएस ने बचा लिया

आगरा। जैसे-जैसे फसल कटाई का चक्र अपने चरम पर पहुंच रहा है, खेतों में अजगरों के दिखने की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। वाइल्डलाइफ एसओएस ने हाल ही में कई अजगर बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इनमें सबसे उल्लेखनीय बचाव 13 फुट लंबे और 55 किलो वजनी अजगर का था, जिसे एक कुएं से सकुशल निकाल लिया गया। 

Nov 4, 2024 - 17:31
 0  159
कुएं में गिरे 55 किलो वजनी  अजगर को वाइल्डलाइफ एसओएस ने बचा लिया
कुएं से सकुशल निकाला गया 13 फीट लम्बा और 55 किलो वजनी अजगर। 

- इसी दिन तीन अन्य स्थानों पर दिखे अजगरों को भी सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया

इसके अलावा, आगरा और मथुरा में तीन अन्य अलग-अलग स्थानों से अजगरों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया, जिसमें एक आलू के खेत से 10 फुट लंबा अजगर, दूसरा बिटुमेन ड्रम परिसर के पास और तीसरा एक धान के खेत से बचाया गया।

सबसे चुनौतीपूर्ण बचाव आगरा के किरौली में हुआ, जहां एक 13 फुट लंबा भारतीय रॉक अजगर एक गहरे कुएं में पाया गया। स्थानीय किसानों और वन अधिकारियों ने अजगर के दिखने की सूचना वाइल्डलाइफ एसओएस की हॉटलाइन (+91 9917109666) पर तुरंत कॉल कर के दी। बचावकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची, जहां उन्होंने अजगर को कुएं से रेस्क्यू करने का चुनौतीपूर्ण कार्य किया। 

अजगर के विशाल आकार और कुएं की गहराई के कारण बचाव अभियान में समय लगा। टीम ने एक अनूठा तरीका अपनाते हुए कुएं में एक जूट बैग डाला। बचावकर्ताओं में से एक ने धीरे-धीरे अजगर को बैग की ओर मोड़ते हुए उसे सुरक्षित बैग के अंदर पहुंचाया। काफी प्रयासों के बाद, अजगर को सुरक्षित रूप से कुएं से बाहर निकाला गया और बाद में उसे जंगल में रिलीज़ कर दिया गया।

उसी दिन, वाइल्डलाइफ एसओएस ने तीन अन्य अजगर बचाव अभियान भी चलाए। मथुरा के कुरकुंडा में एक 10-फुट लंबा भारतीय रॉक पाइथन आलू के खेत में आराम करता हुआ मिला। किसानों ने वाइल्डलाइफ एसओएस हॉटलाइन पर कॉल किया। मौके पर पहुंची टीम ने अजगर को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर जंगल में वापस रिलीज़ कर दिया।

इसी दौरान, धाना तेजा में एक बिटुमेन ड्रम फिलिंग परिसर की दीवारों के पास एक 7 फुट लंबा अजगर देखा गया और उसके तुरंत बाद, मथुरा के परखम गांव से धान के खेत में एक और अजगर के देखे जाने की सूचना मिली। इन सभी मामलों में, वाइल्डलाइफ एसओएस की बचाव टीम ने अपनी विशेषज्ञता और कुशलता का परिचय देते हुए सरीसृपों को सुरक्षित रूप से बचाया और उन्हें उनके प्राकृतिक आवासों में छोड़ दिया।

"अजगरों की यह बढ़ी हुई उपस्थिति मौसम में बदलाव और फ़सल कटाई की गतिविधियों का स्वाभाविक परिणाम है, जिसके कारण अजगर सुरक्षित आराम की जगह की तलाश में आते हैं। हम किसानों के सहयोग एवं सहायता की सराहना करते हैं, जिससे हमें इन जानवरों की रक्षा करने में मदद मिलती है, और लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।"
- कार्तिक सत्यनारायण, सीईओ और सह संस्थापक वाइल्डलाइफ एसओएस 

"हम अपने काम को स्थानीय लोगों और जंगली जानवरों के बीच एक पुल के रूप में देखते हैं, जो इस प्रकार की परिस्थितियों के लिए एक सुरक्षित समाधान प्रदान करता है। प्रत्येक रेस्क्यू के साथ, हम लोगों और उनके आस-पास के वन्यजीवों के बीच संवाद को मजबूत करते हैं।"

- बैजूराज एमवी, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स और हर्पेटोलोजिस्ट, वाइल्डलाइफ एसओएस 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

SP_Singh AURGURU Editor