जब डीएम को ही सुबह सुबह घेर लिया लपकों ने
आगरा। पर्यटकों की सुविधाओं के लिए संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे दावों की उस समय पोल खुल गई, जब डीएम अरविंद मल्लप्पा ख़ुद दावों की हकीकत परखने सुबह-सुबह एक आम नागरिक बनकर निकल पड़े।
आगरा. पर्यटकों की सुविधाओं के लिए संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे दावों की उस समय पोल खुल गई, जब डीएम अरविंद मल्लप्पा ख़ुद दावों की हकीकत परखने सुबह-सुबह एक आम नागरिक बनकर निकल पड़े। शिल्पग्राम पार्किंग की व्यवस्थाएं एवं लपकों का अपनी आंखों से आतंक देखकर लौटे जिलाधिकारी इन अव्यवस्थाओं और लपकागिरी को दूर करने के लिए क्या क्या कदम उठाते हैं, इस पर सबकी नजर लगी हुई है।
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बीते कल ही अपने मातहतों के साथ बैठक में कहा था कि सभी अधिकारी समय-समय आकस्मिक निरीक्षण करते रहा करें, ताकि जमीनी हकीकत पता चलती रहे। अधीनस्थों को दी गई इस हिदायत पर डीएम बंगारी ने शनिवार सुबह स्वयं भी अमल किया, जब वे मॉर्निंग वॉकर के रूप में ताजमहल के आसपास के एरिया का निरीक्षण करने पहुंच गए। यहां डीएम का सच सामना हुआ, जब वे स्वयं भी लपको के द्वारा घेर लिए गए।
वक्त सुबह के 6:00 का था, जिलाधिकारी हाफ पैंट और टी-शर्ट में ताजमहल की पार्किंग शिल्पग्राम जा पहुंचे। चुपचाप वहां घूम घूम कर व्यवस्थाओं को चेक करते रहे। डीएम ने पाया कि शिल्पग्राम में तैनात कर्मचारियों का व्यवहार शालीनता से बाहर था। अलसुबह भी ताजमहल के आसपास लपके मंडरा रहे थे।
और तो और डीएम तक को लपकों ने घेर लिया और जबरन हाथों में सामान थमाकर खरीदने का दबाव बनाने लगे। जिलाधिकारी के मना करने पर कुछ तो अभद्रता पर आमादा हो गए।
जिलाधिकारी ने देखा के कर्मचारी पर्यटकों को व्हीलचेयर देने में मनमाना किराया भी वसूल कर रहे थे। ऑनलाइन टिकट काउंटर बन्द था।
डीएम ने अपनी गाड़ी को दूर खड़ा करा दिया था। अपने साथ चलने वाले सुरक्षाकर्मियों और अर्दली को भी उन्होंने दूर ही रोक दिया था। आम आदमी बनकर डीएम जब शिल्पग्राम में पहुंचे तो बहुत सारी सच्चाइयां सामने आ गई। वजह यह थी कि उन्हें कोई भी पहचान नहीं पा रहा था। अब देखना यह है कि डीएम व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को क्या क्या कदम उठाते हैं।
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