aurguru news: दो ने किया रेप, तीसरे ने बेचा और चौथे ने जबरन शादी की, फिर भी पुलिस का टालमटोल रवैया

आगरा। कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना हो या मुंबई के ठाणे में प्ले ग्रुप स्कूल में चार साल की बच्चियों के यौन शोषण का मामला, पुलिस की लापरवाही हर जगह वहां की सरकारों के लिए मुसीबत बन गई।

Aug 25, 2024 - 18:37
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aurguru news: दो ने किया रेप, तीसरे ने बेचा और चौथे ने जबरन शादी की, फिर भी पुलिस का टालमटोल रवैया
धरने के दौरान का फोटो

महिला उत्पीड़न का कोई मामला जब राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनता है तो इसका खामियाजा भुगतती है, उस राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी। कभी सोचा है कि इन बड़े मुद्दों की जड़ में कौन होता है? इसका सटीक जवाब होता है संबंधित थाने की पुलिस। पुलिस अगर संवेदनशील हो तो शायद ये मुद्दे इतने बड़े न बन पाएं। प्रायः प्रत्येक मामले में थाना स्तर से लापरवाही बरती गई। लापरवाही बरतने पुलिसकर्मियों को निलंबन का दंड मिल जाता है, लेकिन विपक्षी दलों के घेरे जाने की वजह से सत्ता पक्ष को लम्बे समय तक बैकफुट पर रहना पड़ता है। सवाल यह है कि पुलिस, वह चाहे किसी भी राज्य की हो, गंभीर अपराधों को टालने की प्रवृत्ति में बदलाव क्यों नहीं ला पा रही। कोलकाता और मुंबई के मामले इसके ताजा उदाहरण हैं। 
यूपी में भी तमाम ऐसे मामले हुए हैं जिनमें पुलिस के स्तर से बरती गई लापरवाही का खामियाजा सूबे की योगी सरकार को भुगतना पड़ा। इसके बाद भी पुलिस के रवैये में सुधार नहीं दिखता। वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर से तो गंभीरता दिखाई जाती है, लेकिन थाना स्तर पर सुधार नहीं दिख रहा। ताजा मामले की बात की जाए तो आगरा में एक किशोरी के संग दुष्कर्म की वारदात हुई। जगदीशपुरा थाने में पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई, लेकिन थाना पुलिस ने टरका दिया। दो बार यह पीड़िता पुलिस कमिश्नर से फरियाद कर चुकी है। पुलिस कमिश्नर के आदेश का तो थाना पुलिस ने पालन किया, लेकिन अब भी इस पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा क्योंकि दो माह बीतने के बाद भी अभियुक्त पुलिस की पकड़ से दूर हैं। 

यह था मामला
सैंया क्षेत्र की रहने वाली 17 वर्षीय किशोरी 18 जून को अपने गांव से जगदीशपुरा क्षेत्र में अपनी दादी के साथ एक शादी समारोह में आई थी। दादी की अचानक तबियत खराब हुई तो वह गांव वापस चली गई। किशोरी जगदीशपुरा क्षेत्र में ही रुक गई। यहां से एक युवती उसे अपने साथ अपने घर ले गई। किशोरी का कहना है कि घर ले जाने वाली युवती की मां शकुंतला नगला बेर में उसे एक तांत्रिक के पास ले गई। आरोप है कि तांत्रिक ने उसके साथ गलत काम किया। फिर उस तांत्रिक ने उसे अछनेरा में दूसरे तांत्रिक के पास भेज दिया। उसने भी उसके साथ गलत काम किया। तांत्रिक ने उस पर भूत का साया बता दिया। इसके बाद शंकुतला के परिचित सनी और उसकी पत्नी रेशमा बातों में फंसाकर इस किशोरी को कोटा में ले गये। एक रात को अजमेर के केकड़ी गांव में रुके। वहां एक व्यक्ति को इस किशोरी को 4.50 लाख रुपये में बेच दिया गया। खरीदने वाले व्यक्ति ने उससे जबरन शादी कर ली। यह किशोरी किसी प्रकार वहां से भाग आई और सैंया में घर पर पहुंचकर अपने परिजनों को सूचना दी। परिजन उसे लेकर आगरा के जगदीशपुरा थाने लेकर पहुंचे। किशोरी ने परिजनों के साथ जगदीशपुरा पुलिस को तहरीर देकर अपने साथ हुए वाकये के बारे में बताया। थाना पुलिस उसकी बात को अनसुना कर थाने से टहला दिया। पीड़ित परिवार ने अधिवक्ता का सहारा लिया और दोबारा शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो पुलिस ने मूल तहरीर तो नहीं ली, अलबत्ता थाने के एक सिपाही से नई तहरीर लिखवाकर पीड़िता के हस्ताक्षर करा लिए। इसी तहरीर पर धारा 366 में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस के इस रवैये से दुखी परिजन पुलिस कमिश्नर रविंद्र जे गौड़ से मिले। पुलिस कमिश्नर के दखल के बाद मुकदमे में पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धारा में बढ़ोत्तरी की गई। इसके बाद दो माह बीत गए, पुलिस ने एक भी आरोपी से पूछताछ तक नहीं की। इस बीच पीड़ित परिवार बार-बार थाने पर दस्तक देता रहा। परेशान होकर पीड़ित परिवार फिर से पुलिस कमिश्नर के पास मिलने पहुंचा, लेकिन यहां पीआरओ ने बाहर से ही लौटा दिया। थक-हार कर यह पीड़िता अपनी दादी के साथ पिछले दिनों शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। जगदीशपुरा के अलावा हरीपर्वत पुलिस भी धरनास्थल पर पहुंची और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन देकर धरने से उठाया। 
पीड़ित किशोरी का कहना है कि दिन में धरने के बाद रात 11 बजे जगदीशपुरा पुलिस उसके घर आई और उसका मोबाइल कब्जे में ले लिया। यह भी कहा कि तुम फोन नहीं उठाती हो। हम तुम्हें नया मोबाइल लेकर देंगे। पुलिस ने दूसरे दिन मोबाइल वापस कर दिया और कहा कि तुम्हारा मोबाइल ठीक नहीं हो रहा है। अब वह नया लेकर आएंगे। पुलिस के इस एक्शन से पीड़िता को लग रहा है कि पुलिस ने यह जानने के लिए उसका मोबाइल लिया कि वह किसके कहने पर धरने पर बैठी थी। 
सवाल यह है कि एक किशोरी जिसके साथ दो-दो तांत्रिकों ने रेप किया और फिर एक दपंत्ति ने उसे बेचा। खरीदने वाले ने उससे जबरन शादी की। एक ही किशोरी के साथ कई स्तर से अपराध हुआ, लेकिन फिर जगदीशपुरा पुलिस ने इतनी लापरवाही क्यों बरती। क्यों पुलिस कमिश्नर को दखल देना पड़ा। अब अगर यही बड़ा मुद्दा बन जाता तो किरकिरी तो योगी सरकार की होती। 

यह भी है मामला
अभी हाल में सदर थाना क्षेत्र में भाजपा नेता प्रेमचंद कुशवाह के मैरिज होम में एक दलित किशोरी से उसके चालक ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस मामले में भी सदर पुलिस लापरवाही बरत रही थी। पब्लिक ने सदर थाने का घेराव किया और हंगामा किया तो पुलिस ने भाजपा नेता को भी आरोपी बनाया। इस मामले में जाटव महापंचायत ने सख्त रुख की वजह से ही पुलिस भाजपा नेता को लपेटने को मजबूर हुई। ऐसा ही मामला न्यू आगरा थाना क्षेत्र में हुआ था। एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही थी।

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SP_Singh AURGURU Editor