ट्रैफिक संचालन में अब होगी जन सहभागिता, बनाए जाएंगे सहायता दल 

आगरा। चाहे कोई दुर्घटना हो या फिर वाहन बीच रास्ते में खराब हो जाए। जाम के हालत हर जगह देखने को मिलते हैं। यातायात पुलिसकर्मी खुद भी असहज नजर आते हैं। इस बार ट्रैफिक माह में ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई (ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर) को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के तहत हर चौराहे के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है ताकि आपात स्थिति में जरूरी कदम उठाकर ट्रैफिक को सुचारू किया जा सके।

Nov 7, 2024 - 13:40
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ट्रैफिक संचालन में अब होगी जन सहभागिता, बनाए जाएंगे सहायता दल 

सहायक पुलिस आयुक्त सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक नियंत्रण में आम जनता की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसके तहत एक ट्रैफिक सहायता दल का गठन किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा। इन व्यक्तियों की जिम्मेदारी होगी कि वे ट्रैफिक संचालन में पुलिस का सहयोग करें और किसी समस्या के समाधान में मदद करें। 

उन्होंने बताया कि हाईवे और एमजी रोड जैसे प्रमुख चौराहों के लिए एसओपी तैयार की जा रही है। कई बार हाईवे और यमुना किनारा मार्ग पर हादसों और वाहन खराबी की वजह से जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे पुलिसकर्मियों को भी कठिनाई होती है।

 एसीपी अहमद ने बताया कि इस ट्रैफिक माह में हर मुख्य चौराहे के लिए एसओपी बनाई जा रही है। इसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि किस दिशा में ट्रैफिक को किस प्रकार से मोड़ा जा सकता है, आपात स्थिति में कहां पर वाहनों को रोका या निकाला जा सकता है, कौन से रास्ते संकरे हैं, कहां पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जरूरत है, और किस समय वाहनों का दबाव अधिक रहता है। 

इसके साथ ही, अतिक्रमण हटाने की जरूरत, ट्रैफिक लाइट, सीसीटीवी कैमरे, जेब्रा क्रॉसिंग और संकेत बोर्ड की भी जानकारी दी जाएगी। इस एसओपी की जानकारी हर टीएसआई को दी जाएगी, और उस चौराहे पर उसी व्यक्ति की तैनाती होगी जिसे इसकी जानकारी हो।

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