सीजन का पहला कोहरा आज जरूर दिखा मगर आगरा में अभी सर्दी नहीं पड़ी! पढें, कारण ग्लोबल भी और लोकल भी
आगरा। आधा नवंबर बीत गया है लेकिन आगरा में सर्दी ने केवल दस्तक ही दी है। हालांकि पिछले दो दिन में मौसम में कुछ ठंडक बढ़ी है लेकिन दिन में अब भी पंखे—कूलर चालू हैं। लिहाजा इस गर्म नवंबर से उकताए लोग सर्दी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आज सुबह उन्हें सीजन का पहला कोहरा जरूर दिखा लेकिन आईएमडी के मुताबिक तापमान में कोई खास गिरावट दर्ज नहीं की गई है।
आने वाले दिनों में कितना रहेगा तापमान
आईएमडी के मुताबिक आज दिन का अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस पर रहेगा। यह कल यानि बुधवार को भी लगभग इतना ही रहा था। वहीं आगे के दिनों की बात करें तो कल शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट आएगी और यह 17 से घटकर 16 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा जबकि अधिकतम तापमान में कमी दर्ज नहीं होगी। शनिवार का तापमान भी शुक्रवार जितना ही रहेगा। इससे आगे रविवार को अधिकतम तापमान एक डिग्री और नीचे आकर 28 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा। अगले बुधवार तक तापमान स्थित रहेगा। साफ है कि आईएमडी ने फिलहाल ठंड बढ़ने की कोई संभावना नहीं जताई है।
आज सुबह छाए कोहरा और धुंध
आज सुबह जब लोग उठे तो आस—पास हल्का कोहरा और धुंध छाई हुई थी। हल्की ठंडक बढ़ी हुई भी महसूस हो रही थी। इससे उन्हें लगा कि शायद कोहरा पड़ना शुरू हो गया है और अब ठंड अधिक पड़ेगी। जबकि मौसम विभाग ने अभी ऐसी कोई संभावना नहीं जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक कल से आने वाले कुछ दिनों तक धुंध छाई रहेगी।
ग्लोबल फैक्टर
जानकारों की मानें तो नवंबर में सर्दी इस बार कम पड़ रही है। इसका कारण ग्लोबल और लोकल दोनों है। आगरा और आसपास के इलाकों के लोकल फैक्टर भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। नवंबर का महीना आधा बीत चुका है। आमतौर पर इस वक्त सर्दी भी शुरू हो जाती है। इस साल हालांकि हल्की ठंड ने एंट्री तो मारी है, लेकिन अपेक्षा के हिसाब से काफी कम है। इसका कारण ग्लोबल फैक्टर भी हैं। जैसे कि अल नीनो, अल नीनो एक प्राकृतिक घटना है जो समुद्र के तापमान पर असर डालती है। अल नीनो के दौरान, समुद्र का तापमान बढ़ जाता है, जिससे एटमॉस्फेयर में बदलाव आते हैं। इन बदलावों के कारण सर्दी कम पड़ती है। इसका असर आगरा के तापमान तक पड़ रहा है।
लोकल फैक्टर
इधर लोकल फैक्टर की अगर बात करें तो इसमें एयर पॉल्यूशन भी शामिल है। आगरा में एयर पॉल्यूशन एक गंभीर समस्या है। एयर पॉल्यूशन के कारण वातावरण में धूल और धुएं की मात्रा की मौजूदगी ज्यादा है। वैसे तो एयर पॉल्यूशन का तापमान से सीधा कोई कनेक्शन नहीं है। लेकिन जब एयर पॉल्यूशन के साथ ही नमी आती है तो ब्लैंकेट इफेक्ट देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति में गर्मी वायुमंडल से बाहर नहीं निकल पाती है और तापमान कम नहीं हो पाता है। इसी की वजह से रात में भी गर्मी बनी रहती है।
क्या है अल नीनो ?
बता दें कि ये साल अल-नीनो का है। अल-नीनो वाले साल में तापमान सामान्य से ज्यादा होता है। हालांकि, अल-नीनो का ज्यादा असर मार्च-अप्रैल तक सबसे ज्यादा दिखाई देने की संभावना है। यह ज्यादा सर्दी नहीं होने देगा। अल-नीनो का असर ये भी होगा कि इस बार शायद दिसंबर और जनवरी के महीने में उतनी सर्दी न पड़े जितनी हर साल पड़ती है।
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