नर्स की गलती से हुआ था झांसी मेडिकल कालेज में अग्निकांड?
झांसी। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स की गलती की वजह से 10 नवजात बच्चों की जिंदगी खत्म हो गई। कल तक जहां बच्चा पैदा होने की खुशी मनाई जा रही थी, वहां आज मातम पसरा है। नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (निकू) में लगी आग ने 10 नवाजात शिशुओं की जिंदगी लील ली। इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई, इसको लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। कोई शॉर्ट सर्किट की बात कह रहा है तो कोई ऑक्सीजन कन्संट्रेशन सिलिंडर में आग लगने की बात बता रहा है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक चश्मदीद ने इतने बड़े अग्निकांड के लिए वहां मौजूद एक नर्स की गलती बताई है।
झांसी के अस्पताल में रात साढ़े 10 बजे के करीब दर्दनाक हादसा हुआ। नवजात बच्चों के यूनिट में अचानक से आग लगने की वजह से भीषण हादसा हो गया। 10 बच्चे झुलस गए और बाकी को किसी तरह से सुरक्षित निकाला गया, जिन्हें पूरे ऐहतियात के साथ मेडिकल केयर में रखा गया है। घटना के समय वहां मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सिजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए वहां नर्स ने माचिस की तीली जलाई।
हमीरपुर निवासी चश्मदीद भगवान दास अपने नाती के साथ वार्ड में ही मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही नर्स ने तीली जलाई तो पूरे वार्ड में आग लग गई। आग लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से तीन से चार बच्चों को किसी तरह से लपेटकर बचाया। उन्होंने वहां बाकी लोगों की सहायता से कुछ और बच्चों को भी बचाया।
अभी हाल-फिलहाल ही दुनिया में आए बच्चों की यूनिट में जिस समय आग लगी थी, उस समय बहुत से तीमारदार अपने बच्चों के पास मौजूद थे। उन्हीं में से अधिकांश ने वहां भर्ती बच्चों को बाहर निकाला। अस्पताल में फायर अलार्म सेफ्टी सिस्टम लगे हुए थे, लेकिन आग लगने की घटना पर ये बज नहीं सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आग बुझाने के लिए फायर फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए साल भर का समय हो चुका था। ये केवल दिखावे के लिए ही रखे गए थे। इसके साथ ही फायर अलार्म का मेंटेनेंस नहीं करवाया गया था। जिससे समय पर सायरन नहीं बजा। और लोगों को घटना का पता चलने में देर हो गई।
इसके अलावा अंदर-बाहर आने-जाने के लिए एक ही रास्ते की मौजूदगी से हालात और भी बदतर हो गया। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक ने घटना पर दुख जताते हुए पूरी घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। पीड़ित परिजन को मुआवजे का ऐलान भी कर दिया गया है। डेप्युटी सीएम बृजेश पाठक आज सुबह छह बजे के बाद ही झांसी पहुंच गए और वजह की जांच-पड़ताल की।
झांसी के अस्पताल में रात साढ़े 10 बजे के करीब दर्दनाक हादसा हुआ। नवजात बच्चों के यूनिट में अचानक से आग लगने की वजह से भीषण हादसा हो गया। 10 बच्चे झुलस गए और बाकी को किसी तरह से सुरक्षित निकाला गया, जिन्हें पूरे ऐहतियात के साथ मेडिकल केयर में रखा गया है। घटना के समय वहां मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सिजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए वहां नर्स ने माचिस की तीली जलाई।
हमीरपुर निवासी चश्मदीद भगवान दास अपने नाती के साथ वार्ड में ही मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही नर्स ने तीली जलाई तो पूरे वार्ड में आग लग गई। आग लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से तीन से चार बच्चों को किसी तरह से लपेटकर बचाया। उन्होंने वहां बाकी लोगों की सहायता से कुछ और बच्चों को भी बचाया।
अभी हाल-फिलहाल ही दुनिया में आए बच्चों की यूनिट में जिस समय आग लगी थी, उस समय बहुत से तीमारदार अपने बच्चों के पास मौजूद थे। उन्हीं में से अधिकांश ने वहां भर्ती बच्चों को बाहर निकाला। अस्पताल में फायर अलार्म सेफ्टी सिस्टम लगे हुए थे, लेकिन आग लगने की घटना पर ये बज नहीं सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आग बुझाने के लिए फायर फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए साल भर का समय हो चुका था। ये केवल दिखावे के लिए ही रखे गए थे। इसके साथ ही फायर अलार्म का मेंटेनेंस नहीं करवाया गया था। जिससे समय पर सायरन नहीं बजा। और लोगों को घटना का पता चलने में देर हो गई।
इसके अलावा अंदर-बाहर आने-जाने के लिए एक ही रास्ते की मौजूदगी से हालात और भी बदतर हो गया। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक ने घटना पर दुख जताते हुए पूरी घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। पीड़ित परिजन को मुआवजे का ऐलान भी कर दिया गया है। डेप्युटी सीएम बृजेश पाठक आज सुबह छह बजे के बाद ही झांसी पहुंच गए और वजह की जांच-पड़ताल की।
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