छलकपट वाले चौसर युद्ध से ही हो गया था महाभारत का शंखनाद

आगरा। महाभारत का युद्ध रणमूभि में खेलने से पहले मनोभूमि में चौसर के रूप में खेला गया, जहां शकुनि मामा के छल और कपट की गोटियों ने एक स्त्री के स्वाभिमान को तार-तार किया। कौरवों की राज्यसभा में अपमानित हुई एक स्त्री की गरिमा के भरी सभा में आहत होते ही काल चक्र का सबसे प्रचण्ड युद्ध महाभारत का शंखनाद हुआ।

Feb 25, 2025 - 21:01
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छलकपट वाले चौसर युद्ध से ही हो गया था महाभारत का शंखनाद
संस्कार भारती के चितचोर फाउंडेशन द्वारा मंगलवार को सूरसदन में मंचित नृत्य नाटिका के कुछ दृश्य।
छलकपट वाले चौसर युद्ध से ही हो गया था महाभारत का शंखनाद

ताज महोत्सव के तहत संस्कार भारती के चितचोर फाउंडेशन ने सूरसदन में मंचित की नृत्य नाटिका 

भरी सभा में कोई नहीं था जो द्रौपदी की रक्षा कर सके। श्रीहरि की भक्ति ने जब द्रौपदी का चीर बढ़ाया तो हरे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा... भजन के साथ हर दर्शक भक्ति में श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबा नजर आया।

ताज महोत्सव के तहत संस्कार भारती के चितचोर फाउंडेशन द्वारा सूरसदन में यदा-यदा हि धर्मस्य... नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। शंखनाद के साथ श्रीगणेश और वेद व्यास का संवाद और फिर द्रौपदी के स्वयंवर से लेकर चौसर, गीता उपदेश और महाभारत युद्ध के मंचन ने दर्शकों की आंखों को कभी पानी से भर दिया तो तभी श्रीकृष्ण के जयकारे लगाने को मजबूर कर दिया। 

शब्द कम थे परन्तु कलाकारों के भाव हर संदेश दर्शकों तक पहुंचाने में सफल रहे। तेज चपल रोशनी की तरह, ज्ञान के उत्साह से भरी द्रौपदी, जिसकी भाग्य रेखा अग्नि थी। चंदन सी जिसकी काया और अग्नि ने जिसे सजाया था। दुर्योधन का अरमान सिर्फ हस्तिनापुर का सिंहासन को पाना ही नहीं बल्कि वह पांचाली के अभिमान को तोड़ना चाहता था, जिसके लिए चौसर का खेल बिछाया गया। 

ऋषि वेद व्यास के रूप में डॉ. पंकज नगायच, श्रीकृष्ण-डॉ. सुरेन्द्र पाठक, शकुनि मामा-डॉ. अनुपू दीक्षित, दुशासन-डॉ. योगेश सिंघल, दुर्योधन-डॉ. अनुराग गुप्ता, द्रौपदी डॉ. प्रीति पाठक, युधिष्ठर डॉ. संजना अरोरा, अर्जुन-डॉ. अनुपम त्यागी, भीम-डॉ. अवन्ती गोयल, नकुल-डॉ. संधि जैन, कुन्ती-डॉ. सुनीता पंजवानी, श्रीगणेश- शौर्य पाठक, सहदेव डॉ. कनिका गोयल थे। डॉ. मनीषा गुप्ता, डॉ. पल्लवी गोयल, डॉ. मेघा अग्रवाल, डॉ. रश्मि सक्सेना, डॉ. साक्षी मिश्रा ने भी भूमिका निभाई। संचालन डॉ. पूजा नगायच, डॉ. रेनू अग्रवाल, डॉ. अर्चना सिंघल ने किया।  

राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित किया गया। त्रिशक्ति वंदना डॉ. रिचा कुमार, डॉ. मीरा सिंह, डॉ. सपना गोयल द्वारा प्रस्तुत की गई। नृत्य निर्देशिका आर्य इवम चांदनी थीं।