Video News : मधुर संगीत सी पक्षियों की चहचहाट, इठलाती—इतराती लहरें, यमुना पर इसी यौवन को देखने के लिए हम सरकारी तंत्र पर निगाहें गढ़ाए रहते हैं मगर यह साल में एक बार ही आता है, आप भी देखें
इन दिनों अगर आप यमुना के घाटों पर जाएंगे तो अलग ही नजारे मिलेंगे। इठलाती—इतराती लहरें इन घाटों को छू रही हैं। पक्षियों के चहकने की ध्वनि मधुर संगीत सी महसूस हो रही है। नावें एक बार फिर चलना शुरू हो गई हैं। किनारे की बुर्जी पर खड़े लोग मछलियों का दाना फेंकते दिखाई दे रहे हैं। यमुना पर चढ़े इसी यौवन को देखने के लिए आगरा वासी सरकारी तंत्र की ओर निगाहें गढ़ाए रहते हैं, मगर बदकिस्मती से यमुना का यह सुंदर रूप बस पहाड़ों पर वर्षा होने और गोकुल या ओखला बैराज से पानी छोड़े जाने तक ही सीमित है।
आगरा के लोग यमुना की दशा सुधारने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। कभी यमुना किनारों पर रेत से स्नान करते हैं तो कभी रेत में नावें चलाते हैं। नतीजा कुछ नहीं है। आज तक कोई ढंग की कोशिश नहीं हुई है। कभी कभार बैराज का जिन बोतल से बाहर आता है और वापस बोतल में ही चला जाता है।
यमुना के घाटों पर लोगों की आमद बढ़ी
फिलहाल यमुना में बढ़े पानी को देख लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। आगरा में यमुना घाटों पर लोगों की आमद बढ़ गई है। कोई नाव पर बैठ नौका विहार का आनंद उठाने लगा तो कोई घाट पर यमुना को मंत्रमुग्ध निहार रहा है। कैलाश मंदिर यमुना के किनारे ही है। यहां हर रोज सैकड़ों लोग यमुना मैया के दर्शन को आ रहे हैं। पहले वे महादेव के आगे शीष झुकाते हैं फिर सीधे चले आते हैं यमुना किनारे। इससे यहां रौनक बढ़ गई है। इसी तरह बल्केश्वर में माता महालक्ष्मी मंदिर और बाबा टीलेश्वर नाथ मंदिर यमुना किनारे पर हैं। पार्वती घाट पर यमुना मैया का सुंदर रूप देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु और आम लोग पहुंच रहे हैं। कचहरी घाट और हाथी घाट पर भी रौनक बढ़ गई है।
गोकुल और ओखला बैराज से आता है पानी
मथुरा के गोकुल और ओखला बैराज से यमुना में पानी छोड़ा जाता है इससे आगरा में यमुना का जलस्तर बढ़ने लगता है। पिछले साल गोकुल बैराज से 1 लाख 2 हजार 843 क्यूसेक पानी तो वहीं ओखला बैराज से 2 लाख 57 हजार 850 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे जलस्तर बढ़ गया था।
आगर में इतना है लो और हाई फ्लड लेवल
आगरा में यमुना का लो फ्लड लेबल 499 और हाई फ्लड लेबल 508 फीट है। पिछले साल पानी श्मशान घाट तक पहुंच गया था। साल 2023 में जुलाई में यमुना का जलस्तर लो फ्लड लेवल तक पहुंच गया था। ताजमहल के गार्डन के साथ ही श्मशान घाट ताजगंज में पानी भर गया था। बल्केश्वर में यमुना किनारे बने घरों में पानी भरने लगा था। कई जगह फसलें जलमग्न हो गई थीं।
जुलाई में सूखी पड़ी थी यमुना
आगरा में यमुना का जलस्तर अचानक ही बढ़ा है। उत्तराखंड में हो रही बारिश और भूस्खलन इसका कारण हैं। जुलाई में यमुना का अधिकांश हिस्सा सूखा पड़ा था। अगस्त शुरू होते ही यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है।
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