मां के दूध समेत हमारे शरीर के हर हिस्से में प्लास्टिक मौजूद
आगरा। प्लास्टिक प्रदूषण पर काम कर रहीं जनरल सर्जन डॉ. मीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि प्लास्टिक की खूबियां आज हमारे लिए अभिशाप बन गए हैं। कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियां के लिए जिम्मेदार प्लास्टिक को आज हम खा रहे हैं, पी रहे हैं। माइक्रो और नैनो प्लास्टिक के रूप में किसी न किसी तरह हर रोज प्लास्टिक अपने अंदर ले रहे हैं।

-कीमत में सस्ता और स्वास्थ्य के लिए बहुत महंगा है प्लास्टिक का प्रयोग-डॊ. मीता कुलश्रेष्ठ
आगरा में आयोजित 36वीं यूपीकॊन 2025 के दौरान डॊ. मीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि प्लास्टिक हमारे फेफड़ों, रक्त, त्वचा और शरीर के हर हिस्से में पहुंच चुका है। फीटस, मदर मिल्क में भी प्लास्टिक घुल गया है। लोगों में हार्मोन संतुलन और बच्चे के डीएनए तक को बदल रहा है फीटस में मौजूद माइक्रो प्लास्टिक। 30-35 की उम्र में मीनोपॉज होने का भी मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन है, जिसकी मुख्य वजह माइक्रो प्लास्टिक है।
डॊ. मीता ने बताया कि जिस फीटस में माइक्रो प्लास्टिक होगी, उनमें अस्थमा या बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित होता है। सावधानी के तौर पर सब्जियां अधिक खाएं। बाजार जाते समय अपना थैला और पीने का पानी साथ लेकर चलें। प्लास्टिक बोतल में पानी और चाय का प्रयोग न करें। समुद्री नमक के बजाय डेले वाला नमक प्रयोग करें। सिन्थैटिक कपड़ों के बजाय कॉटन, सिल्क और लेनिन के कपड़ों का प्रयोग करें। नॉनस्टिक कुकवेयर के प्रयोग से बचें। घर में खाने का सामान विशेषकर खट्टी व ऑयली चीजें प्लास्टिक के बर्तन में न रखें।