आईएसआई 71 की हार का बदला चाहता है? पाक-म्यांमार की नजर भी है सेंट मार्टिन पर

नई दिल्ली। क्या 1971 की हार का बदला लेना चाहता है आईएसआई? हाल ही में बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि अगर उन्होंने बंगाल की खाड़ी में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दी होती तो वो सत्ता में बनी रह सकती थीं।

Aug 25, 2024 - 16:47
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आईएसआई 71 की हार का बदला चाहता है? पाक-म्यांमार की नजर भी है सेंट मार्टिन पर

उनके इस बयान के बाद हंगामा मच गया है, दूसरा सेंट मार्टिन चर्चा में आ गया। यह द्वीप क्यों और कैसे वजूद में आया। इसका म्यांमार की रोहिंग्या आर्मी और पाकिस्तान की आईएसआई से क्या कनेक्शन है? यह द्वीप रणनीतिक रूप से क्यों अहम है?
यह द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित है। यह द्वीप बांग्लादेश के समुद्रतटीय जिले कॉक्स बाजार का हिस्सा है, जो मुख्य भूमि से महज नौ किलोमीटर की दूरी पर है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती देखने के लिए देश और दुनिया के सैलानी आते हैं। सेंट मार्टिन द्वीप के पास ही एक और छोटा सा द्वीप है छेरा द्वीप, जो पश्चिमी म्यांमार से महज 8 किलोमीटर दूर है और नाफ नदी के मुहाने पर स्थित है, जो बांग्लादेश और म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमा बनाती है। इसे लोकल लोग बहुत ज्यादा नारियल और दालचीनी पाए जाने की वजह से नारिकेल जंजीरा और दारूचीनी द्वीप (दालचीनी द्वीप) कहते हैं। सेंट मार्टिन की मेन इनकम टूरिज्म ही है। यहां पर मुख्य खेती नारियल और चावल है। साथ ही मछली मारना भी प्रमुख कारोबार हे। इस द्वीप पर चीन-पाकिस्तान के साथ ही अमेरिका भी नजरे गड़ाए हुए है, क्योंकि इसकी रणनीतिक अहमियत ज्यादा है।
सेंट मार्टिन महज तीन वर्ग किमी के दायरे में फैला है। यहां पर ज्यादातर हिस्से में मूंगे की चट्टाने हैं। 18वीं सदी में पहली बार यहां पर अरब व्यापारी अपनी नौकाओं से पहुंचे तो उन्होंने इस इलाके का नाम जजीरा (छोटा द्वीप) दिया। यहां व्यापारी आराम के लिए ठहरते थे। 19वीं सदी की शुरुआत में यह ब्रिटिश भारत का हिस्सा हो गया। उस वक्त इसका नाम चटगांव के डिप्टी कमिश्नर मिस्टर मार्टिन के नाम पर इस द्वीप का नाम सेंट मार्टिन पड़ गया। बाद में यहां बंगाली बोलने वाले राखाइन लोग आकर बसने लगे, जो ज्यादातर मछुआरे थे। आज इसकी आबादी करीब 8,000 है। दरअसल, यह इलाका म्यांमार के राखाइन स्टेट के पास पड़ता है, जहां से बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम भागकर आते रहे हैं। भारत के बंटवारे में सेंट मार्टिन पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। 1971 में आजाद होने के बाद यह इलाका बांग्लादेश के हिस्से में आ गया।
बीते कई साल से म्यांमार की जुंटा आर्मी बांग्लादेश के सेंट मार्टिन द्वीप को कब्जा करने के मंसूबा पाले हुए है। इसीलिए जुंटा आर्मी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंसी के इशारे पर टेकनाफ और सेंट मार्टिन के समुद्री रास्तों पर ट्रॉलर और दूसरे जहाजों से बांग्लादेशी नौकाओं पर गोलीबारी कर रही है। दरअसल, म्यांमार में सेना ने एक फरवरी 2021 को तख्तापलट करके कब्जा कर लिया था। तभी से म्यांमार में गृहयुद्ध के हालात हैं।

SP_Singh AURGURU Editor