आगरा में 25 साल पहले हुई भगदड़ में मेरी कोई गलती नहीं थी-अन्नू कपूर
आगरा। आज से शुरू हुए ताज साहित्य उत्सव का पहला सत्र फिल्म अभिनेता डॉ. अन्नू कपूर के नाम रहा। यह दो दिवसीय साहित्योत्सव जीडी गोयंका साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित किया गया है। इसमें अभिनेता अन्नू कपूर को जीडी गोयंका साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई।
-अन्नू कपूर को पहला जीडी गोयंका साहित्य पुरस्कार भी दिया गया
जीडी गोयंका स्कूल परिसर में आयोजित साहित्योत्सव की शनिवार को शुरुआत फिल्म संगीत और साहित्य के लिए समर्पित सत्र के साथ हुई।
इस अवसर पर अन्नू कपूर ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया और साहित्य एवं फिल्मों के बीच के संबंधों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कविताएं हों या फिल्में, सभी समाज की ही परुछाई होती हैं। फिल्मों में वही दिखता है जो समाज में चल रहा होता है। फिल्म मेकर्स वैसी ही फिल्में बनाते हैं जैसी समाज को चाहिए। समाज में जो कुछ चल रहा होता है, उसी से कहानी लिखी जाती है और उसका फिल्मांकन हो जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे समाज में होने वाली घटनाएं फिल्मों में परिलक्षित होती हैं और कैसे दर्शक ही किसी फिल्म को हिट या फ्लॉप बनाते हैं। अन्नू कपूर ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित यह गीत भी सुनाया, मैं तन्हा हो जाऊँगा, गुमनामी में खो जाऊंगा। दुनिया के बंधन टूटेंगे, जब मेरे मुझसे रूठेंगे, तब मेरे दीवान से चुनकर कोई नज्म सुनाओगी, मुझसे मिलने आओगी क्या, बोलो प्रीति निभाओगी क्या।
अन्नू कपूर ने आगरा में 25 साल पहले खुद के साथ जुड़ी भगदड़ की एक घटना को भी याद किया। उन्होंने बताया कि ताजमहल के पार्श्व एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां अचानक भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए। उस समय, आगरा के पुलिस अधिकारियों ने उनसे लोगों से शांति की अपील करने को कहा, जिसे उन्होंने पूरा किया।
जब कार्यक्रम स्थल पर शांति हो गई तो वे एक ओर जाकर सिगरेट पी रहे थे। उनकी सिगरेट पीते हुए की तस्वीर ली गई और बाद में यह वायरल भी की गई। अन्नू कपूर ने बताया कि उस घटना के लिए उन पर भी दोषारोपण किया गया था, जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी।
अन्नू कपूर ने अपने संबोधन में आगरा की यादों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि आगरा में उन्हें बहुत प्यार मिला है और यह शहर उनके दिल के बहुत करीब है। उन्होंने आगरा की सुंदरता और इसके ऐतिहासिक महत्व की भी प्रशंसा की।
अपने साथ मंच साझा कर रहे डॊ. हरिओम ने ताजा ये तन्हाई है, ऐसे लम्हों में इस दिल को तुम्हारी याद आई है..,. गीत प्रस्तुत किया तो अन्नू कपूर बोले कि आप जैसे गीतकार को तो फिल्म इंडस्ट्री में होना चाहिए।
इस सत्र की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता चौहान थीं। डॉ. बबिता चौहान ने कहा कि साहित्य और संस्कृति हमारे समाज की धरोहर हैं और हमें इन्हें संरक्षित करना चाहिए। उन्होंने अन्नू कपूर को पुरस्कार देने के लिए जीडी गोयंका साहित्य अकादमी की प्रशंसा की।
डॉ. बबिता चौहान और अन्य अतिथियों ने ही डॉ. अन्नू कपूर को प्रथम जीडी गोयंका साहित्य पुरस्कार प्रदान किया। मंच पर अन्नू कपूर के साथ पंकज शर्मा, उद्योगपति एवं समाजसेवी पूरन डावर, कांता प्रसाद अग्रवाल, संजय अग्रवाल, जीडी गोयंका के प्रिंसिपल पुनीत वशिष्ठ और साहित्य उत्सव के संयोजक पवन आगरी भी मौजूद रहे।
गीत-गजल का कारवां
साहित्य उत्सव के समन्वयक पुनीत वशिष्ठ ने बताया कि पहले सत्र के बाद दोपहर में गीत ग़ज़ल का कारवां नामक दूसरा सत्र हुआ। इस सत्र में सुप्रसिद्ध कवि मदन मोहन समर, अंतर्राष्ट्रीय शायरा सपना मूलचंदानी, साहित्यकार मालविका हरिओम, गीतकार बलराम श्रीवास्तव, शायरा सिया सचदेव और गीतकार डॉ. राजीव राज ने अपनी शायरी और कविताओं से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।
तीसरे सत्र में लगे ठहाके
साहित्य उत्सव में तीसरा सत्र लॊफ्टर शो का था। शाम को हुए इस ओपन सत्र को हंसना जरूरी है, नाम दिया गया था। लॊफ्टर चैंपियन सुरेश अलबेला, लॊफ्टर फेम हेमंत पांडेय, अंतर्राष्ट्रीय कवि डॉ. कुमार मनोज, टीवी व्यंग्यकार सुनील साहिल, फिल्म अभिनेत्री बलजीत कौर, हास्य कवयित्री ममता शर्मा, हास्य कवि पवन आगरी और टीवी स्टार अवनीश त्रिपाठी ने लोगों को खूब हंसाया।
What's Your Reaction?