आगरा मेट्रो में सबसे पहले हुआ इनवर्टर तकनीक का प्रयोग
आगरा। आगरा मेट्रो रेल परियोजना भारत की पहली डीसी ट्रैक्शन सिस्टम (थर्ड रेल प्रणाली) है, जहां इनवर्टर तकनीक का प्रयोग किया है। इस तकनीक के जरिए रिजेनरेटिव तकनीक से उत्पादित ऊर्जा को पुनः ट्रेक्शन के लिए प्रयोग किया जा रहा है।

हर वर्ष लगभग 1.6 करोड़ रुपयों की होगी बचत
अब तक आगरा मेट्रो ने इस तकनीक से 48.8 लाख रुपये की बचत की
इसके लिए कैप्टन शुभम गुप्ता मेट्रो स्टेशन के ट्रैक्शन सबस्टेशन में एक विशेष इन्वर्टर सिस्टम का संचालन किया जा रहा है। इन्वर्टर सिस्टम ट्रेन की ब्रेकिंग के माध्यम से पुनर्जीवित 750 वी डायरेक्ट करंट (डीसी) पावर को अल्टरनेटिंग करंट (33 केवी एसी) में परिवर्तित करता है और इसे पुनः उपयोग के लिए मेट्रो सिस्टम में भेज देता है।
भारत में डीसी ट्रैक्शन सिस्टम (थर्ड रेल प्रणाली) पर आधारित किसी अन्य मेट्रो परियोजना ने ऊर्जा संरक्षण के लिए इस प्रकार की व्यवस्था नहीं की है। पारंपरिक तौर पर रिजेनरेटिव तकनीक से उत्पादित ऊर्जा को ट्रेन के विभिन्न सिस्टम (लाइट, डिस्पले आदि) के लिए किया जाता है। लेकिन आगरा मेट्रो में इन्वर्टर तकनीक के जरिए इस ऊर्जा का उपयोग पुनः ट्रेन संचालन में किया जा रहा है। बता दें कि इन्वर्टर सिस्टम की कमीशनिंग कार्य दिसंबर 2023 में यूपीएमआरसी द्वारा एल एंड टी और ओईएम प्रतिनिधियों के साथ किया गया था।
इनवर्टर प्रणाली पिछले एक साल से यानि मार्च 2024 से लगातार सेवा में है। प्रायोरिटी कॉरिडोर में इन्वर्टर तकनीक द्वारा लगभग 670 मेगावाट ऊर्जा कैप्चर की गई है, जिससे यूपीएमआरसी को लगभग 48.8 लाख रुपये की बचत हुई है। इस तकनीक की सहायता से यूपी मेट्रो ने केवल पैसों की बचत की है, बल्कि ऊर्जा का संचयन भी किया है। जो ऐसी प्रणाली स्थापित न होने पर बर्बाद हो जाती।
आगरा मेट्रो के पूरे कॉरिडोर-1 और कॉरिडोर-2 में कुल 4 ऐसे इन्वर्टर सिस्टम लगाने की योजना है। आगरा मेट्रो परियोजना के सभी 4 इन्वर्टर सिस्टम के चालू होने के बाद इस प्रणाली के माध्यम से यूपीएमआरसी को प्रति वर्ष 1.6 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।