वृंदावन के मामले में डर इस बात का है कि सुप्रीम कोर्ट में क्या होगा?
वृंदावन रमणरेती मार्ग स्थित वैष्णोदेवी मंदिर के सामने खड़े सैकड़ों हरे-भरे वृक्षों को रातोंरात उजाड़ देने के बाद हर किसी को सांस इस बात को लेकर अटकी हुई है जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचेगा। यह खौफ खाए जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाज किस पर गिरेगी।
वृंदावन। रमणरेती मार्ग स्थित वैष्णोदेवी मंदिर के सामने खड़े सैकड़ों हरे-भरे वृक्षों को रातोंरात उजाड़ देने के बाद हर किसी को सांस इस बात को लेकर अटकी हुई है जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचेगा। यह खौफ खाए जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाज किस पर गिरेगी।
ब्रजवासियों के साथ ही साधु-संतों में इस कृत्य को लेकर उबाल है। मामला प्रत्यक्ष तौर पर वन विभाग से जुड़ा हुआ है इसीलिए वन विभाग अपनी तरफ से हर कदम उठा लेना चाहता है ताकि अपनी गर्दन बचाई जा सके। इसी क्रम में जाँच के लिए वन विभाग ने उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी है।
मथुरा के डीएफओ रजनीकान्त मित्तल ने बताया कि इस मामले में वन विभाग के एक गार्ड व फ़ॉरेस्टर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही रेंजर से स्पष्टीकरण माँगा गया है। मित्तल ने बताया कि मथुरा- वृंदावन का क्षेत्र टीटीजेड की परिधि में आता है। इस वजह से टीटीजेड से संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जा रहा है।
डीएफओ मित्तल ने बताया कि टीटीजेड के माध्यम से इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को भी अवगत कराया जाएगा। इधर जाँच कमेटी घटनास्थल पर जाकर काटे गए पेड़ों की संख्या स्पष्ट करने के साथ ही दोषियो को चिन्हित करेगी।
दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल इस मामले में विभाग की ओर से नामज़द एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस भी मामले की जाँच कर रही है।
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