मिल्कीपुर में कुश्ती तो योगी और अखिलेश की होनी है, चंद्रभान और अजीत तो मोहरे भर हैं

यूपी में एक बार फिर राजनीतिक गहमागहमी है। कड़ाके की ठंड में भी मिल्कीपुर विधान सभा सीट का उप चुनाव राजनीतिक गर्मी पैदा किए हुए है। यह सीट चूंकि अयोध्या से ताल्लुक रखती है, इसलिए यहां की जीत सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए फैजाबाद संसदीय सीट पर हार का बदला होगी तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। सही मायने में चुनावी अखाड़े के पहलवान यही दोनों बड़े नेता हैं।

Jan 16, 2025 - 12:13
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मिल्कीपुर में कुश्ती तो योगी और अखिलेश की होनी है, चंद्रभान और अजीत तो मोहरे भर हैं

 -एसपी सिंह-

अयोध्या। अयोध्या की मिल्कीपुर विधान सभा सीट के उप चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनावी अखाड़े में भाजपा की ओर से चंद्रभान पासवान और समाजवादी पार्टी के अजीत पासवान उतर चुके हैं। चुनावी अखाड़े के ये दोनों पहलवान तो मोहरे भर हैं। मिल्कीपुर की यह कुश्ती असल में तो सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच ही होनी है।

समाजवादी पार्टी के समक्ष अपनी इस सीट को बचाए रखने की चुनौती है तो भाजपा इस सीट को जीतकर फैजाबाद संसदीय सीट पर भाजपा की हार का बदला लेना चाहती है। पिछले लोकसभा चुनाव में अयोध्या की फैजाबाद संसदीय सीट समाजवादी पार्टी ने जीत ली थी। लोकसभा का यह चुनाव अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुआ था। इसमें फैजाबाद से भाजपा की हार से भाजपा ही नहीं, समूचे संघ परिवार में मायूसी छा गई थी।

फैजाबाद सीट से भाजपा की हार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अयोध्या की हार के रूप में प्रचारित किया था। भाजपा के समक्ष बहुत असहज स्थिति थी। जवाब देते नहीं बन रहा था।

लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में विधान सभा की नौ सीटों पर उप चुनाव हो चुके हैं, जिसमें सात सीटें जीतकर भाजपा ने सपा को लोकसभा चुनाव की हार का करारा जवाब दे दिया है, लेकिन असल लड़ाई तो मिल्कीपुर में ही होनी है। मिल्कीपुर सीट अयोध्या जिले का हिस्सा है। 2022 में इस सीट से सपा के अवधेश प्रसाद चुनाव जीते थे जो इस समय फैजाबाद के सांसद चुने जा चुके हैं। उन्हीं के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है। नौ सीटों पर उप चुनाव के साथ इस सीट से इसलिए चुनाव नहीं हो पाया था क्योंकि तब इस सीट को लेकर कोर्ट में याचिका विचाराधीन थी।

समाजवादी पार्टी ने जिन अजित पासी को अपना प्रत्याशी बनाया है, वे सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। पासी समुदाय के वोटों की अधिकता को देखते हुए सपा ने अजीत पासी पर दांव खेला है। भाजपा ने लोहे से लोहा काटने की तर्ज पर चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारकर सपा के पासी दांव की काट निकाल ली है।

सही बात तो यह है कि सपा और भाजपा के प्रत्याशी मोहरा भर हैं। यह उप चुनाव तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच होने जा रहा है। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट को लेकर सीएम योगी कितने गंभीर हैं, इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने यह सीट अपने पास उसी समय से रखी हुई है जब नौ सीटों के उप चुनाव हो रहे थे।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ चुनाव है। अखिलेश यादव के लिए राहत की बात यह है कि उनके पास यहां सांसद अवधेश प्रसाद जैसा बड़ा चेहरा है जो मिल्कीपुर का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। सपा प्रत्याशी अजीत अवधेश प्रसाद के ही पुत्र हैं, इसलिए वे भी इस सीट पर पूरी ताकत लगा रहे हैं।

कुल मिलाकर मिल्कीपुर का उप चुनाव बहुत रोचक होने जा रहा है। यह भी तय है कि मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही होना है। सांसद चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने सपा के एक बागी को टिकट देकर सपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

 

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SP_Singh AURGURU Editor